भोपाल, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियां बकाएदारों से तंग आ चुकी हैं और अब पहली बार बड़े पैमाने पर सख्ती दिखाने जा रही हैं। बिजली बिल न जमा करने वाले सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया गया है। अब बिजली बिल बकाया होने पर संबंधित सरकारी कर्मियों का वेतन रोका जाएगा।
कंपनियों ने सभी विभागों को लिखा पत्र
बिजली कंपनियों ने सभी विभागों और शासकीय कोषालयों से लेकर जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि जिन सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर ₹10,000 या उससे अधिक का बिजली बिल बकाया है, उनका वेतन रोका जाए। पहले चरण में 500 से अधिक अधिकारियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें कई बड़े सरकारी अफसर भी शामिल हैं।
बड़े बकाएदारों की सूची में विधायक और पूर्व मंत्री
भोपाल में बिजली कंपनियों ने हाल ही में बकाएदारों की सूची सार्वजनिक की थी, जिसमें मौजूदा विधायक आरिफ मसूद और पूर्व मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव का नाम भी शामिल है। शहर में ऐसे 118 से अधिक लोग हैं, जिन्होंने ₹1 लाख से अधिक का बिजली बिल अब तक जमा नहीं किया है।
बिल न जमा करने वालों पर सख्त कदम
इससे पहले भी बिजली कंपनियों ने बकाएदारों को नोटिस जारी किए थे, लेकिन अब सख्ती बढ़ाते हुए उनकी सूची में शामिल पुलिस, प्रशासन, नगर निगम, रेलवे और यहां तक कि बिजली कंपनी के अपने कर्मचारी भी हैं।
आगामी कदम
बिजली कंपनी अब अपात्र लोगों द्वारा सब्सिडी का लाभ उठाने के मामलों की भी जांच करेगी और सुनिश्चित करेगी कि सभी उपभोक्ता अपने बकाए का भुगतान समय पर करें।