मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोयाबीन उपार्जन, खाद और बीज उपलब्धता की समीक्षा के दौरान स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रदेश में खाद की कालाबाजारी और अवैध भंडारण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रबी सीजन के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है, और किसानों को किसी भी प्रकार की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों से चर्चा
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कलेक्टरों और कमिश्नरों से खाद की मांग और वितरण पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि खाद की बढ़ती मांग के चलते कालाबाजारी, अवैध भंडारण और नकली उर्वरक निर्माण की संभावनाएं रहती हैं, जिसे रोकने के लिए निरीक्षण और चेकिंग बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को डीएपी के स्थान पर एनपीके और लिक्विड नैनो यूरिया के इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया जाए। इसके उपयोग से न केवल उपज में सुधार होगा, बल्कि देश की अन्य राष्ट्रों पर निर्भरता भी कम होगी। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार एनपीके के उपयोग में 45% की वृद्धि हुई है।
अमानक खाद और बीज विक्रेताओं पर कड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमानक खाद और बीज विक्रय करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि खाद वितरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुचारू बनाए रखें, ताकि किसानों को कोई असुविधा न हो।
सोयाबीन उपार्जन की योजना
मुख्यमंत्री ने बताया कि सोयाबीन उपार्जन के लिए ई-उपार्जन पोर्टल पर 25 सितंबर से पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक 1400 केंद्रों पर सोयाबीन की खरीदी होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दतिया, भिंड, कटनी, मंडला, बालाघाट, सीधी और सिंगरौली जिलों को छोड़कर शेष सभी जगह सोयाबीन उपार्जन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने राज्य में खाद की पर्याप्त उपलब्धता और सोयाबीन उपार्जन की पुख्ता योजनाओं का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि कालाबाजारी और अवैध भंडारण पर सख्ती से नियंत्रण रखा जाएगा और किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी, जिससे खेती में किसी भी प्रकार की बाधा न आए।