मध्य प्रदेश में लंबित राजस्व प्रकरणों के समाधान के लिए राजस्व महा-अभियान 3.0 की शुरुआत 15 नवंबर से हो चुकी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार यह अभियान 15 दिसंबर तक चलाया जाएगा। इसका उद्देश्य खसरे, नामांतरण और अन्य लंबित प्रकरणों को तेजी से निपटाना है। इससे पहले, दो अभियानों के माध्यम से करीब 80 लाख प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया था।
प्रमुख लक्ष्य और दिशा-निर्देश
राजस्व मामलों का समाधान
सभी 55 जिलों में लंबित खसरे और नामांतरण जैसे प्रकरणों को प्राथमिकता दी जाएगी।
दिशा-निर्देश जारी
विस्तृत गाइडलाइन सभी कलेक्टर्स को प्रदान की गई है, जिसमें पारदर्शी और त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
अभियान की मॉनीटरिंग
प्रशासनिक अधिकारी अभियान की नियमित निगरानी करेंगे, जिससे सभी प्रकरणों का समय पर निपटारा हो सके।
राजस्व महा-अभियान की अब तक की सफलता
पहले दो अभियानों में अविवादित नामांतरण के 20.46 लाख मामलों में से 18.20 लाख मामलों को निपटाया गया।
वर्तमान में लगभग 2.26 लाख प्रकरण लंबित हैं, जिनका समाधान इस अभियान में किया जाएगा।
सीएम की अपील
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह अभियान किसानों और नागरिकों को राहत प्रदान करेगा। उन्होंने सभी हितग्राहियों से अनुरोध किया कि वे अपने लंबित प्रकरणों के समाधान के लिए संबंधित कार्यालयों से संपर्क करें।
बांधवगढ़ में बटरफ्लाई सर्वे
अभियान के साथ-साथ मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पहली बार दो दिवसीय बटरफ्लाई सर्वे का आयोजन किया गया। यहां 165 बाघ और 100 से अधिक दुर्लभ तितलियों की प्रजातियां दर्ज की गई हैं।
राजस्व महा-अभियान 3.0 के माध्यम से प्रदेश सरकार नागरिकों के लिए एक सुव्यवस्थित और पारदर्शी समाधान प्रणाली स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। यह पहल किसानों और आम नागरिकों के लिए बड़ी राहत साबित होगी।