मध्य प्रदेश की नदियों को एक बार फिर से जीवनदान मिल रहा है। मोहन यादव की पहल के तहत राज्य में नमामि गंगे योजना के माध्यम से 1400 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। इस योजना के अंतर्गत नदियों को स्वच्छ और निर्मल बनाकर उनके आसपास बसे गांवों और शहरों का कायाकल्प किया जाएगा। मोहन यादव का यह एक कदम न सिर्फ नदियों को स्वच्छ बनाएगा, बल्कि इससे रोजगार, पर्यटन, और स्वास्थ्य में भी बड़ा सुधार आएगा।
इन जिलों के गांव और नगरों का होगा कायाकल्प
नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ‘गंगा की सहायक नदियां मध्य प्रदेश के रतलाम, आगर मालवा, उज्जैन, इंदौर, दमोह, शाजापुर, राजगढ़, सीहोर, भोपाल, रायसेन, विदिशा, गुना, अशोकनगर, श्योपुर, शिवपुरी, मुरैना, ग्वालियर, भिंड, दतिया, टीकमगढ़, सागर, छिंदवाड़ा, दमोह, पन्ना, कटनी, सतना, उमरिया, कटनी, रीवा, सीधी, सिंगरौली और शहडोल जिले के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों से होकर गुजरती है इन स्थानों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। जिससे पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके। वहीं साफ-सफाई और सीवेज के प्रयास किए जाएंगे. जिससे नदी में गंदगी न मिलें।
मध्य प्रदेश से गुजरने वाली गंगा की सहायक नदियां
मध्य प्रदेश से गुजरने वाली चंबल नदी गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी है। जो यमुना से मिलती है वहीं सिंध, केन और बेतवा भी यमुना से मिलती है। ताप्ती नर्मदा की सहायक नदी है, लेकिन इसकी कुछ सहायक नदियां गंगा की सहायक नदियों से मिलती हैं। महानंदा नदी गंगा से मिलती है। इसी तरह अमरावती नदी ताप्ती से मिलती है, लेकिन इसकी भी कुछ सहायक नदियां गंगा से मिलती हैं। असान नदी चंबल में मिलती है, जो बाद में यमुना से मिल जाती है। परवन नदी भी चंबल में मिलती है। इसी तरह शिप्रा नदी भी चंबल में मिलती है, जो बाद में यमुना में मिल जाती है।
1400 करोड़ रुपये से होंगे ये काम
गंगा की सहायक नदियों को साफ करने और इसके आसपास के गांव व शहरों को सुंदर बनाने के लिए केंद्र सरकार नमामि गंगे योजना के तहत 1400 करोड़ रुपये खर्च करेगा। सबसे अधिक फोकस शहरों के सीवेज और नालों को नदियों में मिलने से रोकने में किया जाएगा. इसके लिए नदियों के किनारे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे हैं। नदियों के किनारे घाट बनाकर इसके कटाव को रोका जाएगा। सभी नदियों के कैचमेंट में पौधरोपण कर हरियाली विकसित की जाएगी। नदी के किनारे स्थित निजी व सरकारी जमीन पर फलदार पौधे लगाने के लिए किसानों को अनुदान दिया जाएगा।