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MP News: एमपी का बजट होगा शून्य से शुरू, जानें ‘शून्य आधार बजटिंग’ की पूरी कहानी-विभागों से मांगा ऑनलाइन प्रस्ताव

पहली बार मध्य प्रदेश का बजट 'शून्य आधार बजटिंग' प्रक्रिया पर तैयार किया जाएगा। यह मोहन सरकार का बड़ा फैसला है, जो वित्तीय साल 2025-26 के लिए बजट तैयार करने की दिशा में एक नई शुरुआत को दर्शाता है। इस प्रक्रिया के तहत, सभी विभागों को 31 अक्टूबर तक ऑनलाइन प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

By: Rekha 
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MP News: एमपी का बजट होगा शून्य से शुरू, जानें ‘शून्य आधार बजटिंग’ की पूरी कहानी-विभागों से मांगा ऑनलाइन प्रस्ताव

MP Budget 2025-26: पहली बार मध्य प्रदेश का बजट ‘शून्य आधार बजटिंग’ प्रक्रिया पर तैयार किया जाएगा। यह मोहन सरकार का बड़ा फैसला है, जो वित्तीय साल 2025-26 के लिए बजट तैयार करने की दिशा में एक नई शुरुआत को दर्शाता है। इस प्रक्रिया के तहत, सभी विभागों को 31 अक्टूबर तक ऑनलाइन प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

शून्य आधार बजटिंग का उद्देश्य
शून्य आधार बजटिंग प्रक्रिया में बजट की शुरुआत शून्य से की जाती है। इसका मतलब है कि बजट बनाने के लिए पिछले वर्षों के खर्चों को ध्यान में नहीं रखा जाएगा। हर योजना, परियोजना या खर्च का औचित्य देना जरूरी होगा। केवल वही योजनाएं और कार्यक्रम जारी रहेंगे जो अपनी उपयोगिता और प्रभावी प्रदर्शन को साबित कर सकें। इससे राज्य को उन योजनाओं से छुटकारा मिलेगा जो अब प्रासंगिक नहीं हैं और नए, लाभकारी प्रोजेक्ट्स को जगह मिलेगी।

विभागों से ऑनलाइन प्रस्ताव
इस बजट प्रक्रिया में सभी विभागों को न केवल अपने प्रस्ताव भेजने हैं, बल्कि उन्हें यह भी बताना होगा कि उनके बजट अनुमान किस आधार पर किए गए हैं। वित्त विभाग ने 5 दिसंबर तक नए योजनाओं के प्रस्ताव मांगे हैं। इसके बाद 23 दिसंबर से 15 जनवरी तक प्रमुख सचिव स्तर पर चर्चा की जाएगी और 27-30 जनवरी तक मंत्री और वित्त मंत्री सभी प्रस्तावों का मूल्यांकन करेंगे।

शून्य आधार बजटिंग क्या है?
शून्य आधार बजटिंग एक प्रक्रिया है जिसमें बजट शून्य से शुरू होता है और किसी भी खर्च का औचित्य देने के बाद ही उसे मंजूरी मिलती है। इसमें पिछले साल के खर्चों का कोई महत्व नहीं दिया जाता। यह प्रक्रिया पारंपरिक बजट से अलग है, जहां पिछले साल के बजट के आधार पर नए साल का बजट तैयार होता है। शून्य आधार बजटिंग में हर साल बजट नए सिरे से तैयार किया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि केवल वही योजनाएं जारी रहें, जो वर्तमान में उपयोगी हैं।

पारंपरिक बजट और शून्य आधार बजटिंग में अंतर
पारंपरिक बजट में पिछले साल के बजट को आधार बनाकर अगले साल का बजट तैयार होता है।
शून्य आधार बजटिंग में हर साल बजट की शुरुआत शून्य से की जाती है, जहां प्रत्येक खर्च का औचित्य देना आवश्यक होता है।
पारंपरिक बजट में ऐतिहासिक आंकड़ों और भविष्य के अनुमानों के आधार पर संसाधनों का आवंटन किया जाता है, जबकि शून्य आधार बजटिंग में वास्तविक खर्चों का आकलन किया जाता है।
शून्य आधार बजटिंग में अधिक समय लगता है, क्योंकि पुरानी योजनाओं की समीक्षा और नई योजनाओं की शुरुआत के लिए विस्तृत मूल्यांकन करना पड़ता है।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश का शून्य आधार बजटिंग पर आधारित बजट एक महत्वपूर्ण कदम है जो राज्य की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने और योजनाओं की उपयोगिता पर अधिक ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा। इससे प्रदेश की वित्तीय प्रबंधन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और प्रभावी होगी।

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