मध्य प्रदेश में अपराध की स्थिति में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। एक समय में देशभर में संगीन अपराधों और महिला अपराधों के मामलों में शीर्ष स्थान पर रहा राज्य, अब CM डॉ. मोहन यादव की कड़ी कार्रवाई से अपराधियों के हौसले पस्त कर चुका है। मुख्यमंत्री बनने के बाद डॉ. मोहन ने अपराधियों के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए प्रभावी सर्जरी की, जिसके परिणामस्वरूप डकैती, लूट और महिला अपराधों में बड़ी गिरावट आई है। SCRB (राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो) की रिपोर्ट के अनुसार, अपराध के मामलों में अभूतपूर्व कमी दर्ज की गई है।
अपराध और अपराधियों के लिए मध्य प्रदेश में नहीं है जगह
सीएम डॉ. मोहन यादव ने अपराधियों के मंसूबे नाकाम करने के लिए प्रशासन में व्यापक बदलाव किए। जनवरी 2024 से जुलाई 2024 तक के अपराधों का विश्लेषण किया गया, जिसमें पाया गया कि अपराधों में व्यापक कमी आई है। डकैती के मामलों में 51%, हत्या में 7.15%, रेप में 10%, और गैंगरेप जैसे गंभीर मामलों में 19% की कमी हुई है। जनवरी से जुलाई 2023 के मुकाबले इस अवधि में अपराध दर में 3.53% की गिरावट आई है।
महिला अपराधों में आई राहत
मध्य प्रदेश जो कभी महिला अपराधों के लिए कुख्यात था, अब राहत महसूस कर रहा है। गैंगरेप के मामलों में 19.1% की कमी आई है, जबकि दहेज प्रताड़ना और क्रूरता जैसे मामलों में 3.23% की गिरावट देखी गई है। छेड़छाड़ के मामलों में 9.85% की कमी आई है। महिला अपराध कुल मिलाकर 7.91% कम हुए हैं, और बच्चों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत अपराधों में भी 14% की कमी दर्ज की गई है।
लूट के मामलों में 23.22% की कमी
संपत्ति संबंधी अपराधों में भी उल्लेखनीय कमी देखने को मिली है। लूट के मामलों में 23.22%, नकबजनी में 9.53% और सामान्य चोरी में 6.51% की गिरावट आई है। यह संकेत करता है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
अनुसूचित जाति और जनजातियों के खिलाफ गंभीर अपराधों में 22.04% की कमी
SCRB की रिपोर्ट में अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के खिलाफ अपराधों में भी बड़ी कमी दर्ज की गई है। 2023 में इन सात महीनों में कुल 4033 अपराध दर्ज किए गए थे, जबकि 2024 में यह आंकड़ा घटकर 3144 हो गया है। अनुसूचित जाति-जनजाति के हॉटस्पॉट में भी अपराध दर में गिरावट दर्ज की गई है।