मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने जबलपुर में स्वतंत्रता दिवस समारोह का नेतृत्व किया, जहां उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और नागरिकों से अपने घरों पर तिरंगा प्रदर्शित करके उत्साहपूर्वक भाग लेने का आग्रह किया। मुख्य कार्यक्रम पुलिस मैदान में सुबह 9 बजे शुरू हुआ, जहां देवड़ा, जो जबलपुर के प्रभारी मंत्री भी हैं, ने परेड का निरीक्षण किया और आकाश में शांति और समृद्धि के गुब्बारे छोड़े।
जबलपुर शहर, जिसे अक्सर मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है, 78वें स्वतंत्रता दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाने में पूरे राज्य और देश के साथ शामिल हुआ। डिप्टी सीएम देवड़ा ने मुख्यमंत्री की ओर से भाषण दिया और दिन के महत्व पर प्रकाश डाला। विभिन्न स्कूली छात्रों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं और एनसीसी कैडेटों और स्काउट-गाइड्स सहित सशस्त्र टुकड़ियों ने मुख्य अतिथि को सलामी देते हुए औपचारिक मार्च पास्ट किया। उत्कृष्ट सरकारी कर्मचारियों को भी उनकी असाधारण सेवा के लिए सम्मानित किया गया।
मध्याह्न भोजन एवं स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान
ध्वजारोहण समारोह के बाद, डिप्टी सीएम देवड़ा ने स्कूली बच्चों के साथ मध्याह्न भोजन में भाग लिया और स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया। पूरा जिला जश्न-ए-आजादी की भावना से गूंज उठा, नगर निगम से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक सरकारी और अर्ध-सरकारी भवनों पर शान से तिरंगा फहराया गया।
जबलपुर में सुरक्षा उपाय
स्वतंत्रता दिवस के आयोजनों की तैयारी में पूरे जबलपुर में सुरक्षा के लिए 300 जवानों को तैनात किया गया था। शहर की सीमाएँ सील कर दी गईं और पुलिस ने रात भर गश्त की और वाहनों की तलाशी ली। बम निरोधक दस्ते ने रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थानों का भी निरीक्षण किया। सभी उपस्थित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, थाना प्रभारियों द्वारा होटल और धर्मशाला का निरीक्षण किया गया।
सेंट्रल जेल से 20 कैदी रिहा
स्वतंत्रता दिवस पर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 20 कैदियों को जबलपुर की नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। इन व्यक्तियों को कारावास के दौरान उनके अनुकरणीय व्यवहार के कारण छूट दी गई थी।
जबलपुर के स्वतंत्रता दिवस समारोह को देशभक्ति, सुरक्षा और सामुदायिक भागीदारी की मजबूत भावना से चिह्नित किया गया, जिससे यह सभी निवासियों के लिए एक यादगार अवसर बन गया।