मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज दिल्ली दौरे पर रहेंगे, जहां वे गेहूं और सोयाबीन की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर केंद्र सरकार के साथ महत्वपूर्ण मीटिंग करेंगे। मध्य प्रदेश देश का अग्रणी राज्य है, विशेष रूप से गेहूं उत्पादन में, और किसानों से जुड़े इस मुद्दे पर चर्चा को लेकर मुख्यमंत्री का यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री का दौरा: डॉ. मोहन यादव का यह दौरा किसान हितों पर केंद्रित होगा, जिसमें गेहूं और सोयाबीन की MSP पर फोकस रहेगा।
एमपी की भूमिका: मध्य प्रदेश देश का प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य है, और इस मीटिंग से राज्य के किसानों को बड़े लाभ मिलने की उम्मीद है।
पार्टी और केंद्र से मुलाकात: संभावना है कि इस दौरान मुख्यमंत्री पार्टी नेतृत्व और केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे।
सोयाबीन के घटते दामों से मध्य प्रदेश के किसान चिंतित, MSP पर आंदोलन की तैयारी
मध्य प्रदेश के किसान केंद्र सरकार के हालिया फैसले से नाराज हैं, जिसमें सोयाबीन के समर्थन मूल्य (MSP) को 4892 रुपए तय किया गया, लेकिन यह राहत केवल महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक के किसानों को दी गई है। मध्य प्रदेश, जो 52 लाख टन सोयाबीन उत्पादन करता है—जो इन तीनों राज्यों से अधिक है—वहां किसानों को अब भी बेहद कम दामों पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है।
किसानों का विरोध और MSP की मांग
केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ भारतीय किसान संघ ने 16 सितंबर से आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। संघ की मांग है कि मध्य प्रदेश को भी उन राज्यों की सूची में शामिल किया जाए, जहां MSP पर सोयाबीन की खरीदी हो रही है। किसानों का कहना है कि अगर अन्य राज्यों को यह लाभ दिया जा सकता है, तो मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्य को इससे बाहर रखना गलत है।
कैबिनेट का प्रस्ताव
मध्य प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में यह निर्णय लिया है कि प्रदेश में भी सोयाबीन की खरीदी MSP के आधार पर कराने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, जिसमें 4800 रुपए प्रति क्विंटल का रेट तय करने की सिफारिश की गई है। यह कदम किसानों की मुश्किलें हल करने और बाजार में स्थिरता लाने के लिए उठाया गया है।