मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के बयान पर कड़ा पलटवार किया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों का अपमान न सहने की बात करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य में किसी के द्वारा भी अधिकारियों और कर्मचारियों का अपमान स्वीकार नहीं किया जाएगा।
अधिकारियों और कर्मचारियों का समर्थन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को कहा कि मध्य प्रदेश सरकार अधिकारियों और कर्मचारियों के सम्मान के लिए खड़ी है। उनका बयान जीतू पटवारी द्वारा नर्मदापुरम में अधिकारियों को लेकर की गई टिप्पणी के संदर्भ में आया, जिसमें पटवारी ने होशंगाबाद के कलेक्टर और अन्य अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “रस्सी जल गई लेकिन ऐंठन नहीं गई।” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को 20 सालों से सत्ता से बाहर रहने के बावजूद अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ बोलने की आदत नहीं छूटी है।
कर्मचारियों के अपमान पर आपत्ति
मुख्यमंत्री ने जीतू पटवारी की टिप्पणी को अधिकारियों और कर्मचारियों का अपमान बताते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, “प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारी निष्ठा और ईमानदारी से काम कर रहे हैं, और उनकी निष्ठा पर सवाल उठाना गलत है।”
सरकार की सख्ती
डॉ. यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी अधिकारी-कर्मचारी का अपमान सहन नहीं करेगी और राज्य सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सभी वर्गों की बेहतरी के लिए ठोस कदम उठा रही है।
पटवारी का बयान और विवाद
शुक्रवार को किसान न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने होशंगाबाद कलेक्टर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा था कि, “कलेक्टर का स्टिंग होगा तो पता चलेगा कि उसने कलेक्टरी के लिए कितने पैसे दिए हैं।” पटवारी के इस बयान के बाद प्रदेश में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया, और मुख्यमंत्री ने इसे अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक करार दिया।