मध्य प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य के 408 नगरीय निकायों में आधुनिक पुस्तकालय बनाए जाएंगे, जिनका नाम “गीता भवन” होगा। इन पुस्तकालयों का उद्देश्य विद्यार्थियों को वेद-पुराण से लेकर प्रेरक और प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों तक हर प्रकार की पढ़ाई की सामग्री प्रदान करना है। साथ ही, इन पुस्तकालयों में कंप्यूटर और वाई-फाई जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी, जो छात्रों को अपने अध्ययन में और बेहतर मदद करेंगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने काम शुरू कर दिया है। राज्य के प्रत्येक नगरीय निकाय में आधुनिक गीता भवन स्थापित किए जाएंगे। इनमें वेद-पुराण, प्रेरक साहित्य और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवश्यक किताबें उपलब्ध होंगी, जिससे विद्यार्थी अपनी पढ़ाई में पूरी तरह से सक्षम हो सकेंगे।
पुस्तकालय की सुविधाएं
इन गीता भवनों में हिंदी, अंग्रेजी के प्रमुख समाचार पत्रों के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी किताबें भी रखी जाएंगी। इसके अलावा, ये पुस्तकालय विद्यार्थियों के लिए कंप्यूटर और वाई-फाई सुविधाओं से लैस होंगे। विशेष रूप से सीनियर सिटीजन, महिलाएं और विद्यार्थी यहां बैठकर अपनी पढ़ाई कर सकेंगे।
योजना की विस्तार
मध्य प्रदेश में 16 नगर निगम, 98 नगर पालिका और 294 नगर परिषद हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन सभी निकायों में कम से कम एक गीता भवन का निर्माण किया जाएगा। प्रत्येक गीता भवन के लिए औसतन 5 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। जहां पहले से गीता भवन मौजूद हैं, वहां इन्हें नवीनीकरण करके और अधिक आधुनिक बनाया जाएगा।
यह पहल न केवल विद्यार्थियों के लिए, बल्कि हर उम्र और वर्ग के नागरिकों के लिए एक महान शैक्षिक अवसर का निर्माण करेगी। गीता भवन के माध्यम से प्रदेश में शिक्षा और ज्ञान के स्तर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की योजना है।