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MP News: CM हेल्पलाइन पर 3.39 लाख शिकायतें लंबित, 28 अक्टूबर को मुख्यमंत्री मोहन यादव करेंगे समीक्षा

मध्य प्रदेश की CM हेल्पलाइन पर जनता की 3.39 लाख से अधिक शिकायतें लंबित हैं, जिससे राज्य के अफसरों की चिंता बढ़ गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 28 अक्टूबर को इन शिकायतों की समीक्षा करेंगे।

By: Rekha 
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MP News: CM हेल्पलाइन पर 3.39 लाख शिकायतें लंबित, 28 अक्टूबर को मुख्यमंत्री मोहन यादव करेंगे समीक्षा

मध्य प्रदेश की CM हेल्पलाइन पर जनता की 3.39 लाख से अधिक शिकायतें लंबित हैं, जिससे राज्य के अफसरों की चिंता बढ़ गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 28 अक्टूबर को इन शिकायतों की समीक्षा करेंगे। जनता की शिकायतों को गंभीरता से न लेने के कारण कई विभागों में मामले लंबित हो गए हैं, और अब मुख्यमंत्री खुद इस पर नजर डालने वाले हैं।

अफसरों में मची हलचल
जैसे ही यह जानकारी सामने आई, अफसरों के हाथ-पांव फूल गए हैं। 100 दिन से अधिक समय से लंबित शिकायतों की संख्या 3 लाख 39 हजार 727 तक पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री 28 अक्टूबर को समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान शिकायतकर्ताओं से सीधे बात करेंगे। लोक सेवा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने सभी विभागों और जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर सतर्क कर दिया है।

किन विभागों में हैं सबसे ज्यादा शिकायतें?
महिला एवं बाल विकास विभाग – PM मातृ वंदना योजना में 64,600 शिकायतें लंबित हैं।
स्वास्थ्य विभाग – जननी सुरक्षा और श्रमिक प्रसूति सहायता योजना में 60,406 शिकायतें पेंडिंग हैं।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग – PM ग्रामीण आवास योजना में 15,870 शिकायतें लंबित हैं।
गृह विभाग – विवेचना में देरी, लापरवाही और समय पर न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत न करने से जुड़ी 13,345 शिकायतें लंबित हैं।
श्रम विभाग – सबल योजना में 12,626 शिकायतें पेंडिंग हैं।
राजस्व विभाग – नामांतरण और बंटवारा से जुड़ी 12,043 शिकायतें लंबित हैं।
ऊर्जा विभाग – बिजली की कमी और वोल्टेज की समस्या से जुड़ी 10,976 शिकायतें।

भोपाल में पेंडिंग शिकायतें
भोपाल जिले में अकेले 21,000 से अधिक शिकायतें पेंडिंग हैं, जिनमें से नगर निगम की ही 5,000 शिकायतें हैं। भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने अफसरों को जल्द से जल्द शिकायतों का निराकरण करने का निर्देश दिया है।

10 दिनों में आधी शिकायतें निपटाने का टारगेट
अधिकारियों ने 26 अक्टूबर तक 50% शिकायतों को हल करने का लक्ष्य रखा है ताकि जब मुख्यमंत्री शिकायतों की समीक्षा करें, तो बेहतर परिणाम दिखें। भोपाल की वर्तमान रैंकिंग 46वीं है, और अधिकारी इसे सुधारने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं।

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