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Loksabha Election: MP सीएम मोहन यादव ने किया वार, कहा- कांग्रेस जादूगर की तरह चुनाव में आती है

Loksabha Election: सीएम मोहन यादव कांग्रेस आज से नहीं 70 साल से मंदिरों का निमंत्रण ठुकरा रही है. उन्होंने कहा कि जब सोमनाथ मंदिर का भूमिपूजन किया गया था, तब नेहरू ने सोमनाथ मंदिर का निमंत्रण ठुकरा दिया था.

By: RNI Hindi Desk 
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Loksabha Election: MP सीएम मोहन यादव ने किया वार, कहा- कांग्रेस जादूगर की तरह चुनाव में आती है

Loksabha Election: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की समाप्ती के साथ चौथे चरण के मतदान का काउंटडाउन शुरू हो गया है. यह मध्य प्रदेश में आखिरी चरण का मतदान होगा. इसी के साथ सभी 29 लोकसभा सीटों पर वोटिंग संपन्न हो जाएगी. चौथे चरण में 8 सीटों पर वोटिंग होगी. चौथे चरण के लिए BJP नेता ने अपनी-अपनी कमर कस लिया है. इसी को लेकर गुरुवार को बड़वानी जिले के निवाड़ी पहुंचे और भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी के समर्थन में सभा को संबोधित किया.

सीएम ने  कहा कि इस बार के चुनाव कांग्रेस के पापों को सबक सिखाने का चुनाव है. कांग्रेस पार्टी ने 70 सालों तक पाप किए. इनके माथे पर कई कलंक हैं. कांग्रेस ने आजादी के बाद से 70 सालों तक देश में शासन चलाया, लेकिन वे देश की समस्याओं को खत्म नहीं कर पाए. भगवान श्रीराम खुले आसमान के नीचे विराजमान रहे, लेकिन कांग्रेस ने श्रीराम मंदिर को लेकर हमेशा से देश के हिन्दू और मुसलमानों को लड़ाने का काम किया है.

कांग्रेस हमेशा से श्रीराम मंदिर निर्माण में अड़ंगे लगाती रही और जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीराम मंदिर निर्माण करवाया तो वे श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकरा दिया और अब प्रदेश की जनता ही कांग्रेस को ठुकराएगी. कांग्रेस और उसके घमंडिया गठबंधन के लोग भी शामिल नहीं हुए.

कांग्रेस आज से नहीं 70 साल से मंदिरों का निमंत्रण ठुकरा रही है. उन्होंने कहा कि जब सोमनाथ मंदिर का भूमिपूजन किया गया था, तब नेहरू ने सोमनाथ मंदिर का निमंत्रण ठुकरा दिया था. उन्होंने कहा था देश में ये सब होना ठीक नहीं है. वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर का फैसला सुनाया. राम मंदिर का भूमि पूजन हो गया, निर्माण हो गया और रामलला भी आकर बैठ गए लेकिन कांग्रेस से कोई नहीं आया, इन्होंने आज फिर निमंत्रण ठुकरा दिया. अब 13 मई को जनता इन्हें ठुकराएगी. सीएम ने कहा, क्योंकि जो राम का नहीं हो सकता, वो किसी का नहीं हो सकता.

उन्होंने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर का फैसला सुनाया. राम मंदिर का भूमि पूजन हो गया, निर्माण हो गया और रामलला भी आकर बैठ गए लेकिन कांग्रेस से कोई नहीं आया. इन्होंने आज फिर निमंत्रण ठुकरा दिया. अब 13 मई को जनता इन्हें ठुकराएगी. सीएम ने कहा कि जो राम का नहीं हो सकता, वो किसी का नहीं हो सकता. बता दें कि चौथे चरण में 13 मई को बड़वानी में ‌वोटिंग होना है.

मोहन यादव बोले कि मोदी है तो मुमकिन है. सेना ने पराक्रम किया और कांग्रेस ने सबूत मांगा. दस साल से देश मे एक भी आतंकवाद की घटना नहीं हुई. कोरोनाकाल में लोगों को कोविड से बचाव के मुफ्त टीके लगाए. सीएम ने कहा कि पहला वोट देश की सुरक्षा के लिए, दूसरा वोट कोविड से जान बचाने के लिए. भगवान का अपमान, हिंदू समाज के अपमान की कीमत विपक्षी दलों को चुकानी पड़ेगी.

लाडली बहना और किसान योजना पर की बात

सीएम ने कहा कि आपने बीजेपी को चुना तो आपको लाडली बहना योजना का लाभ मिला. किसानों के खातों में भी योजना का पैसा पहुंच रहा है. सीएम ने जनता से बीजेपी के समर्थन में वोट मांगे. सीएम ने कांग्रेस को जीरो कहते हुए डबल विकास का वादा किया, बोले, अगर इस बार हमारी सरकार आई तो, विकास की रफ्तार डबल कर देंगे. बता दें कि बीजेपी इस बार अबकि बार 400 पार का नारा लेकर चुनावी मैदान में है.

सीएम यादव ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के उस बयान पर कड़ी नाराजगी जाहिर की, जिसमें जीतू पटवारी ने पूर्व मंत्री इमरती देवी के लिए आपत्तिजनक बातें कहीं थीं.

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि कांग्रेस के नेता जिस ढंग से महिला, बहनों के लिए बात करते हैं. उनके लिए डूब मरने की बात है. जो इमरती देवी के लिए कितना गंदा बोल कर गए हैं. महिलाओं का अपमान करना कांग्रेस का चरित्र है, इनके बड़े नेता कमलनाथ तो महिलाओं को आइटम बताते थे.

जब कांग्रेस की सरकार थी, तो कांग्रेस के प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी ने कहा था कि मैं 1 रुपए भेजता हूं, 15 पैसे पहुंचते हैं. आज नरेंद्र मोदी जी की सरकार है. किसान सम्मान निधि के 6 हजार रुपए भेजे जा रहे हैं तो 6 हजार रुपए किसानों तक पहुंच रहे हैं. किसी का 1 रुपए भी कम नहीं हुआ है.

लाड़ली बहनों को साढ़े 12 सौ मिलना चाहिए, उनको साढ़े 12 सौ रुपए मिल रहे हैं. सीएम ने कहा कि यह ईमानदारी और बेइमानी के बीच का चुनाव है. गरीबों का राशन खाने वाली नेता सब जमानत पर हैं. डॉ. यादव ने कहा कि जैसे बटन दबाने से बल्ब जलता है. वैसे कमल के फूल का बटन दबाओगे तो नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनेगी.

कांग्रेस और आप के नेता जमानत पर
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के मंत्री अभी जेल में हैं. कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के कई नेता जमानत पर हैं. चारा घोटाले में लालू यादव को जमानत मिली हुई है. कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता भी जमानत पर चल रहे हैं.

उन्होंने कहा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अभी कांग्रेस से नई-नई दोस्ती हुई है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मंत्रियों के साथ जेल में हैं. उन्होंने कहा आम आदमी गलती की सजा पर जेल की हवा खाता है. ऐसे में गलत कार्य करने वाले बड़े नेताओं को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार छोड़ने वाली नहीं है. इसी वजह से सभी जमानती नेता एक साथ होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राहुल गांधी का बिना नाम लिए पप्पू कह दिया. मोहन यादव ने कहा कि 2019 में फिर आए अबकी बार देख लेंगे, लेकिन मोदी की जो आंधी चली सब उड़ गए, पहले 5 साल आतंकवाद का खात्मा किया, पाकिस्तान में घुसकर सही किया दुनिया में देश की अलग पहचान बनाई.

13 मई को एमपी में इन सीटों पर होंगे चुनाव
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए चौथे चरण का मतदान 13 मई को होना है. यहां आठ संसदीय क्षेत्रों में मतदान होगा. चौथे चरण की आठ संसदीय क्षेत्रों में नाम वापसी के बाद 74 प्रत्याशी अंतिम रूप से चुनाव मैदान में हैं. इनमें देवास में 8, उज्जैन में 9, मंदसौर में 8, रतलाम में 12, धार में 7, इंदौर में 14, खरगोन में 5 और खंडवा में 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा 4 जून को होगी.

खरगोन लोकसभा इतिहास

भारत के उत्तर व दक्षिण प्रदेशों को जोड़ने वाले प्राकृतिक मार्ग पर बसा खरगोन मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण शहरों में से एक है. साल 1962 में यहां पर पहला चुनाव हुआ और जनसंघ ने जीत का परचम फहराया. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला रहा है.

बीजेपी इस सीट पर जीत का चौका लगा चुकी है. 1989 से 1999 के बीच हुए चुनाव में उसने लगातार यहां पर विजय हासिल की. खरगोन लोकसभा सीट पर हुए हाल के चुनावों पर नजर डालें तो पिछले 2 चुनावों में बीजेपी और 1 चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली. बीजेपी के सुभाष पटेल यहां के सांसद हैं.

सामाजिक ताना-बाना

1 नवंबर  1956 को मध्य प्रदेश के गठन के साथ ही खरगोन  पश्चिम निमाड़ के रूप में अस्तित्व में आ गया था. यह मध्य प्रदेश की दक्षिणी पश्चिमी सीमा पर स्थित है. इस जिले के उत्तर में धार, इंदौर व देवास, दक्षिण में महाराष्ट्र, पूर्व में खण्डवा, बुरहानपुर तथा पश्चिम में बड़वानी है. यह शहर नर्मदा घाटी के लगभग मध्य भाग में स्थित है.

2011 की जनगणना के मुताबिक खरगोन की जनसंख्या 26,25,396 है. यहां की 84.46 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र और 15.54 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है. यहां अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या अच्छी खासी है. खरगोन में 53.56 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति के लोगों की है और 9.02 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की है. यहां पर 17,61,005 मतदाता हैं.

चुनाव आयोग के 2014 के आंकड़े के मुताबिक यहां पर 17,03,271 मतदाता थे, जिनमें से 8,66,897 पुरुष मतदाता और 8,36,374 महिला मतदाता थे. 2014 में इस सीट पर 67.67 फीसदी मतदान हुआ था.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

खरगोन लोकसभा सीट पर पहला चुनाव साल 1962 में हुआ. फिलहाल यह सीट अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है. यहां पर हुए पहले चुनाव में जनसंघ के रामचंद्र बडे को जीत मिली थी. हालांकि अगले चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस के एस बाजपेयी को जीत मिली.

1971 के चुनाव में रामचंद्र ने एक बार फिर वापसी की और कांग्रेस के अमलोकाचंद को मात दी. बीजेपी को पहली बार इस सीट पर जीत 1989 में मिली और अगले 3 चुनावों में उसने यहां पर विजय हासिल की. कांग्रेस ने 1999 में यहां पर फिर वापसी की और ताराचंद पटेल यहां के सांसद बने. इसके अगले चुनाव 2004 में बीजेपी के कृष्ण मुरारी जीते. 2007 में यहां पर उपचुनाव और कांग्रेस ने वापसी की. कृष्ण मुरारी को इस चुनाव में हार मिली.

2009 में परिसीमन के बाद यह सीट अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित हो गई. यहां पर पिछले 2 चुनावों में बीजेपी की जीत मिली है. यहां की जनता ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों को बराबरी का मौका दी है.

फिलहाल इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है.सुभाष पटेल यहां के सांसद हैं. बीजेपी को यहां पर 7 चुनाव में जीत मिली है तो कांग्रेस को 5 चुनाव में जीत मिली है. खरगोन लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. देपालपुल, इंदौर 3,राऊ, इंदौर 1, इंदौर 4, सनवेर,  इंदौर 5, इंदौर 2 यहां की विधानसभा सीटें हैं. इन 8 विधानसभा सीटों में से 4 पर बीजेपी और 4 पर कांग्रेस का कब्जा है.

2014 का जनादेश

2014 के चुनाव में बीजेपी के सुभाष पटेल को 649354(56.34 फीसदी) वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस के रमेश पटेल को 391475(33.97 फीसदी)वोट मिले थे. आम आदमी पार्टी 2.71 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थी.

इससे पहले 2009 के चुनाव में बीजेपी के मक्कन सिंह को जीत मिली थी.उन्होंने का बालाराम बच्चन को हराया था. मक्कन सिंह को 351296(46.19 फीसदी) वोट मिले थे तो वहीं बालाराम बच्चन को 317121(41.7 फीसदी) वोट मिले थे. सीपीआई4.19 फीसदी वोटों के साथ इस चुनाव में तीसरे स्थान पर रही थी.

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

41 साल के सुभाष पटेल 2014 का लोकसभा चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बने. पेशे से किसान सुभाष पटेल ने एमए किया है. संसद में उनकी उपस्थिति का बात करें तो वह उनकी मौजूदगी 90 फीसदी रही. उन्होंने 8 बहस में हिस्सा लिया और 95 सवाल किए.

सुभाष पटेल को उनके निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 22.50 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे. जो कि ब्याज की रकम मिलाकर 24 करोड़ हो गई थी. इसमें से उन्होंने 19.72 यानी मूल आवंटित फंड का 87.62 फीसदी खर्च किया. उनका करीब 4.29 करोड़ रुपये का फंड बिना खर्च किए रह गया.

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