इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आरोग्य सेतु एप के बारे में सही जानकारी नहीं देने के मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। मंत्रालय ने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
मंत्रालय ने NIC और NeGD को भी निर्देश दिया है कि वे अपने संगठनों में RTI के मामले को देखने वाले अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करें। वहीं मंत्रालय ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि हम आवेदक द्वारा आरटीआई अधिनियम के तहत मांगी गई सभी जानकारी प्रस्तुत करने और केंद्रीय सूचना आयोग के निर्देशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
आरोग्य सेतु एप पर क्यों हुआ विवाद
नेशनल इंफोर्मेटिक्स ब्यूरो(एनआईसी), जो सरकारी वेबसाइट डिजाइन करता है और आईटी मंत्रालय के अंतर्गत आता है, ने एक आरटीआई जवाब में कहा था कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आरोग्य सेतु एप किसने बनाया है और इसे कैसे बनाया गया है। इसके बाद ही केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा इन्हें नोटिस भेजा गया था।
फिर सरकार ने दी सफाई
आरोग्य सेतु एप पर उठ रहे सवालों पर सरकार ने सफाई पेश करते हुए कहा कि आरोग्य सेतु एप भारती सरकार के जरिए पब्लिक प्राइवेट मोड पर बनाया गया है। माईजीओवी (MyGoV) और डिजिटल इंडिया के सीईओ अभिषेक सिंह ने कहा कि नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर (NIC) और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मिलकर इस एप को बनाया है।