प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम के जरिये रविवार को देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम में किसानों की जिक्र किया और उनका किस्सा सुनाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है, वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है। कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है।संकट के इस काल में भी हमारे देश के कृषि क्षेत्र ने फिर अपना दमख़म दिखाया है। देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गाँव, आत्मनिर्भर भारत का आधार है। ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी।”
India is very proud of our farmers. #MannKiBaat pic.twitter.com/BebtJkYiRq
— PMO India (@PMOIndia) September 27, 2020
पीएम मोदी ने कहा कि”संकट के इस काल में भी हमारे देश के कृषि क्षेत्र ने फिर अपना दमख़म दिखाया है. देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गाँव, आत्मनिर्भर भारत का आधार है. ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी।”
"पुणे और मुंबई में किसान साप्ताहिक बाज़ार खुद चला रहे हैं। इन बाज़ारों में, लगभग 70 गाँवों के, साढ़े चार हज़ार किसानों का उत्पाद, सीधे बेचा जाता है – कोई बिचौलिया नहीं।"
– पीएम श्री @narendramodi .
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प्रधानमंत्री मोदी ने हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ सफल किसानों तथा किसान समूहों का जिक्र करते हुए ने कहा कि बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है।
Farmers are playing a major role in the efforts to build an Aatmanirbhar Bharat. #MannKiBaat pic.twitter.com/wEHRB77lKB
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पीएम मोदी ने कहा कि हरियाणा के एक किसान भाई में मुझे बताया कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में दिक्कत आती थी। लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को APMC Act से बाहर कर दिया गया, इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ।
हरियाणा के सोनीपत जिले के हमारे एक किसान भाई श्री कंवर चौहान जी की प्रेरक कहानी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi साझा कर रहें हैं…#MannKiBaat pic.twitter.com/bwUq1fykpy
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मोदी ने कहा कि आज वह स्वीट कॉर्न और बेबी कार्न की खेती कर रहे हैं। इससे उनकी सालाना कमाई ढाई से तीन लाख रुपए प्रति एकड़ है। प्रधानमंत्री ने कुछ अन्य किसानों की कहानी सुनाते हुए कहा कि इन किसानों के पास अपने फल व सब्जियों को कहीं पर भी, किसी को भी बेचने की ताकत है और यह ताकत ही उनकी इस प्रगति का आधार है।
जानते हैं, इन किसानों के पास क्या अलग है!
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“इतना ही नहीं, इसी गाँव के 60 से अधिक किसान, net house बनाकर, Poly House बनाकर, टमाटर, खीरा, शिमला मिर्च, इसकी, अलग-अलग variety का उत्पादन करके, हर साल प्रति एकड़ 10 से 12 लाख रूपये तक की कमाई कर रहें हैं।”
"इतना ही नहीं, इसी गाँव के 60 से अधिक किसान, net house बनाकर, Poly House बनाकर, टमाटर, खीरा, शिमला मिर्च, इसकी, अलग-अलग variety का उत्पादन करके, हर साल प्रति एकड़ 10 से 12 लाख रूपये तक की कमाई कर रहें हैं।"
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एक-सौ-एक साल पुरानी बात है।1919 का साल था। जलियांवाला बाग नरसंहार के बाद एक बारह साल का लड़का उस घटनास्थल पर गया। वह खुशमिज़ाज और चंचल बालक, लेकिन, उसने जलियांवाला बाग में जो देखा, वह उसकी सोच के परे था। वह स्तब्ध था, यह सोचकर कि कोई भी इतना निर्दयी कैसे हो सकता है।
वह मासूम गुस्से की आग में जलने लगा था। उसी जलियांवाला बाग़ में उसने अंग्रेजी शासन के खिलाफ़ लड़ने की कसम खायी। क्या आपको पता चला कि मैं किसकी बात कर रहा हूँ? हाँ! मैं, शहीद वीर भगतसिंह की बात कर रहा हूं। कल, 28 सितम्बर को हम शहीद वीर भगतसिंह की जयन्ती मनायेंगे।”
Shaheed Veer Bhagat Singh epitomised courage and team work. #MannKiBaat pic.twitter.com/u1bD2liM0d
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उन्होंने कहा, “चार साल पहले, लगभग यही समय था, जब, surgical strike के दौरान दुनिया ने हमारे जवानों के साहस, शौर्य और निर्भीकता को देखा था। हमारे बहादुर सैनिकों का एक ही मकसद और एक ही लक्ष्य था, हर कीमत पर, भारत माँ के गौरव और सम्मान की रक्षा करना।
“उन्होंने, अपनी ज़िंदगी की जरा भी परवाह नहीं की। वे, अपने कर्त्तव्य पथ पर आगे बढ़ते गए और हम सबने देखा कि किस प्रकार वे विजयी होकर के सामने आये। भारत माता का गौरव बढ़ाया।”