नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है ऐसे में विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साध रही हैं। नागरिकता कानून को लेकर बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए कांग्रेस की आज मीटिंग होने वाली है। कांग्रेस ने कई पार्टियों से गुहार लगाई है कि वो एकजुट होकर इसका विरोध करें। लेकिन कांग्रेस की मीटिंग से पहले कई पार्टियों ने किनारा कर लिया है।
बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पहले ही मीटिंग में भाग लेने से मना कर दिया था इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों पर सीएए प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने का आरोप लगाकर नाराजगी जताई थी। ममता के बाद अब मायावती ने इस मीटिंग के किनारा कर लिया है।
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस बैठक में हिस्सा लेने से मना करते हुए ट्वीट किया है। माया ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, जैसा कि विदित है कि राजस्थान में कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिए जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहां बीएसपी के विधायकों को तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतया: विश्वासघाती है। ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा। इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी।
एक और ट्वीट करते हुए मायावती ने लिखा है कि, वैसे भी बीएसपी CAA/NRC आदि के विरोध में है। केन्द्र सरकार से पुनः अपील है कि वह इस विभाजनकारी व असंवैधानिक कानून को वापिस ले। साथ ही, JNU व अन्य शिक्षण संस्थानों में भी छात्रों का राजनीतिकरण करना यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण।
ममता बनर्जी और मायावती के साथ-साथ आम आदमी पार्टी ने भी इम मीटिंग से दरकिनार कर लिया है। आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस मीटिंग को लेकर कहा कि, इस तरह की किसी मीटिंग की हमें कोई जानकारी नहीं है। इसलिए, जिसके बारे में हमें पता ही नहीं, उस मीटिंग में शामिल होने का मतलब ही नहीं है।