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मनसुख हिरेन केस की जॉच कर रही महाराष्ट्र ATS को लगा बड़ा झटका, कोर्ट ने ATS को जॉच से रोका अब NIA करेगी जॉच

By: RNI Hindi Desk 
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मनसुख हिरेन केस की जॉच कर रही महाराष्ट्र ATS को लगा बड़ा झटका, कोर्ट ने ATS को जॉच से रोका अब NIA करेगी जॉच

रिपोर्ट: सत्यम दुबे

मुंबई: मनसुख हिरेन केस की जॉच कर रही महाराष्ट्र ATS को बड़ा झटका लगा है, बुधवार को ठाणे के एक सेशन कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए कहा कि अब ATS ज़ॉच नहीं करेगी। कोर्ट ने महाराष्ट्र ATS की जॉच पर रोक लगाते हुए कहा कि इस मामले की जॉच अब NIA करेगी। इसके साथ कोर्ट ने ATS को आदेश दिया कि सारे दस्तावेज NIA को सौपें।

आपको बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने मनसुख हिरोन केस की जॉच के लिए NIA को मंजूरी दे दी थी। जिसके बाद भी महाराष्ट्र ATS इस मामले की जॉच कर रही थी। माना जा रहा है कि एंटीलिया के सामने विस्फोटक से भरी कार मामले का लिंक मनसुख की हत्या से भी जुड़ा हुआ है। पिछले दिनो जहां से मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ था, ठीक उसी जगह पर एक और शव बरामद किया गया था।

NIA एंटीलिया मामले की जॉच कर रही है, एनआईए को दिन पर दिन इस मामले से जुड़े सबूत मिल रहें हैं। ATS ने मनसुख हिरेन केस में मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को मुख्य आरोपी बनाया है। इसके बाद NIA ने मनसुख हिरेन से एंटीलिया मामले में भी पूछताछ की थी। पुलिस अधिकारी सचिन वाजे 25 मार्च तक कोर्ट के आदेश पर जेल की सलाखों के पीछे रहेगा।

दूसरी ओर सचिन वाजे के फंसने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने ब़ड़ा फैसला लेते हुए तत्कालीन मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह को पुलिस कमिश्नर के पद से हटा कर ताबदला कर दिया था। जिसके बाद पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखते हुए गृह मंत्री अनिल देशमुख पर बड़ा आरोप लगा दिया था।

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने याचिका में आरोप लगाया है कि फरवरी 2021 में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के सचिन वाजे और एसीपी सोशल सर्विस ब्रांच संजय पाटिल जैसे अधिकारियों के साथ बैठक की थी।

 

वहीं इस याचिका में दावा किया गया कि देशमुख ने उन्हें हर महीने ₹100 वसूली का लक्ष्य दिया था। परमवीर ने अपनी याचिका में महाराष्ट्र सरकार गृह मंत्रालय और सीबीआई को प्रतिवादी बनाते हुए पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं आगे कहा गया है कि पुलिस कमिश्नर से किए गए उनके ट्रांसफर आदेश को रद्द करने की अपील की है। जिसको सर्वोच्च न्यायालय ने सुनने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप बॉम्बे हाई कोर्ट जायें।

 

 

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