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मध्य प्रदेश: सभी जिलों में 2 फरवरी से लागू होगी साइबर तहसील व्यवस्था, अमित शाह करेंगे उद्घाटन

मध्य प्रदेश के सभी जिलों में दो फरवरी से साइबर तहसील व्यवस्था लागू होगी। इसको लेकर राजस्व विभाग ने सभी जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है। दो फरवरी को उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह साइबर तहसील को पूरे प्रदेश में लांच करेंगे।

By: Rekha 
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मध्य प्रदेश: सभी जिलों में 2 फरवरी से लागू होगी साइबर तहसील व्यवस्था, अमित शाह करेंगे उद्घाटन

मध्य प्रदेश के सभी जिलों में दो फरवरी से साइबर तहसील व्यवस्था (Cyber Tehsil system) लागू होगी। इसको लेकर राजस्व विभाग ने सभी जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है। दो फरवरी को उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह साइबर तहसील को पूरे प्रदेश में लांच करेंगे।

उज्जैन में लॉन्च कार्यक्रम

साइबर तहसील प्रणाली 2 फरवरी से मध्य प्रदेश के सभी जिलों में लागू होने वाली है, जैसा कि राजस्व विभाग ने पुष्टि की है। उद्घाटन उसी दिन उज्जैन में होने वाले एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। कार्यक्रम का प्रसारण राज्य के सभी तहसील कार्यालयों में किया जाएगा।

सभी जिलों में साइबर तहसील प्रणाली को लागू करने की पहल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पिछली कैबिनेट के निर्देशों से उपजी है, जिसमें प्रशासनिक प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने के महत्व पर जोर दिया गया था।



वर्तमान में 12 जिलों में परिचालन

अब तक, साइबर तहसील परियोजना राज्य भर के 12 जिलों में सफलतापूर्वक संचालित हो रही है। इन जिलों में दतिया, सीहोर, इंदौर, सागर, डिंडोरी, हरदा, ग्वालियर, आगर मालवा, श्योपुर, बैतूल, विदिशा और उमरिया शामिल हैं। परियोजना का उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और निवासियों के लिए पहुंच बढ़ाना है।

साइबर तहसील के लिए कानूनी ढांचा संशोधन

साइबर तहसील पहल को सुविधाजनक बनाने के लिए, राजस्व विभाग ने मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 में संशोधन किया है। धारा 13-ए में अब साइबर तहसील की स्थापना के प्रावधान शामिल हैं, जिससे सभी जिलों में इसके विस्तार का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

जनता के लिए मुख्य लाभ

साइबर तहसील प्रणाली जनता को कई लाभ प्रदान करती है, जिसमें किसी आवेदन की आवश्यकता के बिना जिलों में पंजीकरण के 15 दिनों के भीतर स्वचालित नाम हस्तांतरण शामिल है। इसके अतिरिक्त, यह खसरा मानचित्र में तत्काल सुधार की सुविधा प्रदान करता है। यह प्रणाली ऑनलाइन, पेपरलेस और फेसलेस दृष्टिकोण को अपनाते हुए निर्विवाद हस्तांतरण और विभाजन के लिए त्वरित प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करती है। इस परिवर्तन से प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि और सुशासन के मॉडल की दिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद है।

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