{ रिपोर्टर- तबरेज़ कज़िलबाश }
कोरोना के चलते लॉकडाउन 4 की भी घोषणा हो गई है ऐसे में यह तय हो गया है की अलविदा की नमाज़ और ईद भी लॉकडाउन में गुज़रेगी. क्योकी अलविदा की नमाज़ 22 मई को और ईद 25 मई को है .
जिसको लेकर लखनऊ फिरंगीमहल से मुफ्ती इरफ़ान मियां फिरंगीमहली ने फ़तवा जारी किया है और लोगों से अपील की है की वह अलविदा और ईद की नमाज़ घर पर रहकर पढ़े, पुराने कपड़ो में ही ईद मनाए और दुआ करें की देश और दुनिया से कोरोना का खात्मा हो जाए.
मौलाना इरफ़ान मियां फिरंगीमहली ने जारी फतवे में कहा है क्योकी ईदगाह या जामा मस्जिद के अलावा किसी भी जगह ईद की नमाज़ मुमकिन नहीं है, घर पर जमाअत बनाकर नमाज़ का हुकुम नहीं है ऐसी सूरत में किसी भी तरह के लोग इकट्ठा करने की कोई ज़रूरत नहीं है .
अपने घर पर ईद की नमाज़ बाजमात नहीं फुरादा पढ़ें। ईद उल फितर की नमाज़ वाजिब है इसलिए इसकी कज़ा मुमकिन नहीं है, नमाज़ सुबह 6:30 बजे से लेकर 11: 30 बजे दिन से पहले ही अदा करनी है।
साथ ही अलविदा की नमाज़ के भी घरो में नमाज़ अदा करने की बात कही है.. ईद कैसे मनाए इसको लेकर फतवे में कहा है की ईद मनाने के लिए नए कपड़ों की ज़रूरत नही है .
जो कपड़ा आपके पास बेहतर हो वही पहनकर ईद मनाए और ईद की ख़ुशी अपने -अपने घरों में मनाए न किसी के घर जाएँ और ना ही किसी को अपने घर बुलाए .
लोगों से गले मिलने और हाथ मिलाने से परहेज़ करें। अगर किसी को मुबारकबाद देना है तो मोबाईल के ज़रिए ही दोस्तों , रिश्तेदारों , मिलने वालों को ईद की मुबारकबाद दें।
साथ ही हुकूमत की तरफ से कोरोना के संबंध में गाइडलाइंस पालन करें और दुआ करे की कोरोना जल्द ही देश और दुनिया से खत्म हो जाए।