रिपोर्टर- तबरेज़ कज़िलबाश
मस्जिदों में अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर के इस्तेमाल को लेकर बरेलवी और देवबंदी उलेमाओं में विवाद की स्थिति बन गई है।
एक ओर जहां देवबंदी उलेमाओं का कहना है कि कोरोना के संकटकाल में मस्जिदों को साफ करने के लिए सैनिटाइजर का प्रयोग किया जा सकता है तो वहीं बरेलवी उलेमाओं की इस बारे में राय बिल्कुल अलग है।
वही इस घमासान पर शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने बयान देते हुए कहा है जो विवाद चल रहै है वह नहीं होना चाहिए।
अगर कोरोना से लड़ना है तो डॉक्टर और सरकार की गाइडलाइन्स को मानना होगा और इस्लाम में हर चीज़ का सिस्टम बताया गया है।
मस्जिद में सैनिटाइज़ेशन को लेकर चल रहे घमासान पर मौलाने सैफ़ अब्बास ने कहा सैनिटाइज़र को लेकर बहुत ज्यादा विवाद चल रहा है वह नही होना चाहिए।
इस वक्त सैनिटाइजर डॉक्टरों की राय के हिसाब से हमारे लिए बहुत ज़रूरी है हर जगह सैनीटाइज़ेशन का काम चल रहा है।
सैनीटाइजर में क्योंकि 50% से ज़्यादा एल्कोहल होता है इसलिए वो नज़ीस है लेकिन इस्लाम में हर चीज़ का सिस्टम बताया गया है, मस्जिद सैनिटाइज़ करने का बाद उसे पानी से धुला जा सकता है।
सैनिटाइजर कोरोना के वायरस को खत्म करेगा और पानी से धुलाई के बाद मस्जिद को पाक किया जा सकता है।
कोरोना वायरस से देश के हर नागरिक को लड़ना है इसमे सरकार और डॉक्टर कुछ नहीं कर सकते हैं वह सिर्फ आपको सलाह दे सकते है।
हर नागरिक को खुद अपनी सुरक्षा करना है, टैक्सी और मार्किट में कोई सोशल डिस्टेंसिंग नहीं फॉलो की जा रही है। कोरोना से लड़ना है तो खुद एहतियात करना होगा।