नई दिल्ली: भाजपा के तीन सांसदों ने शुक्रवार को लोकसभा में पूर्व कांग्रेस नेता अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना का नोटिस दिया है। सांसदों ने दावा किया कि चेयर की अनुमति के बिना विरोध कर रहे किसानों की मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए राहुल के कदम को सदन की अवमानना थी।
राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना का हवाला देते हुए बिहार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष तथा बेतिया से सांसद डॉ. जायसवाल ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया है। उन्होंने 11 फरवरी को राहुल गांधी द्वारा सदन में की गई टिप्पणी पर कड़ा विरोध जताते हुए उनके खिलाफ लोकसभा की अवमानना और विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया है।
अध्यक्ष को दिए गए अपने नोटिस में डॉ. जायसवाल ने कहा कि दिनांक 11 फरवरी को आम बजट पर अभिभाषण के दौरान राहुल गांधी ने अपने परिचित अंदाज में विषय से परे हट कर बिना किसी तथ्य या डक्यूमेंट पेश किया साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरिमा पर आघात करने की कोशिश की थी।
डॉ. जायसवाल ने बोला कि राहुल गाँधी ने “ओछी बयानबाजी की सारी हदों को पार करते हुए ये भी भूल गए कि वे लोकसभा में बोल रहे हैं, जहां अध्यक्ष के दिशा-निर्देश व संविधान के कुछ प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार ही किसी विषय को पटल पर रखा जाता है।”
इस ही के साथ आप को बता दे कि एक नाटकीय कदम में, राहुल गांधी ने गुरुवार को अपनी पार्टी के सदस्यों और टीएमसी और डीएमके के सदस्यों के साथ सदन में दो मिनट का मौन रखा था। मौन रखते हुए कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने ये दावा किया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान “200 किसानों” की मृत्यु हो गई है, उन्होंने कहा कि वह ऐसा इस लिए कर रहे थे क्योंकि सरकार ने उन्हें श्रद्धांजलि नहीं दी है।
हाल के इतिहास में ऐसा शायद पहली बार हुआ था कि कुछ सदस्य चेयर द्वारा ऐसा करने के लिए कहे बिना मौतों का शोक मनाने के लिए मौन खड़े रहे। आप को बता दे कि भाजपा सांसद संजय जायसवाल, राकेश सिंह और पीपी चौधरी ने राहुल गांधी के खिलाफ नोटिस दिया।
जायसवाल ने कहा कि राहुल गांधी ने अपने पार्टी सदस्यों को स्पीकर से अनुमति लिए बिना मौन पालन करने का निर्देश दिया। सदन को उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही सिंह ने ये भी आरोप लगाया कि गांधी ने एक अस्वाभाविक व्यवहार दिखाया है और इसने संसद की गरिमा को प्रभावित किया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी संसद के नियमों के खिलाफ काम करते हैं। इसी तरह के विचारों को साझा करते हुए, चौधरी ने कहा कि: “यह सकल कदाचार है और यह विशेषाधिकार का गंभीर उल्लंघन है।”
भाजपा नेता जायसवाल ने इन्हीं विषयों के आलोक में नोटिस देते हुए इस पूरे मामले को लोकसभा के नियम 223 के तहत, इसे विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना बताया। सदन में किसी अन्य सदस्य द्वारा दोबारा ऐसी अशोभनीय स्थिति उत्पन्न न की जाए इसलिए उन्होंने अध्यक्ष से इस विषय को सदन में उठाने की अनुमति भी मांगी है।