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Loksabha Election: CM मोहन की हुंकार, बोले- जो राम का नहीं, वो किसी काम का नहीं

लोकसभा चुनाव 2024 के रण में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी आलोक शर्मा के समर्थन में बैरसिया क्षेत्र में रोड शो किया।

By: RNI Hindi Desk 
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Loksabha Election: CM मोहन की हुंकार, बोले- जो राम का नहीं, वो किसी काम का नहीं

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी आलोक शर्मा के समर्थन में बैरसिया विधानसभा में रोड शो किया। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पत्थर से घायल होते तो देखा था, लेकिन फूलों से घायल होते हुए पहली बार देखा है। जिस तरह से बैरसिया वासियों ने फूलों की बारिश की है, अपना प्रेम बरसाया है उससे मन गदगद हो गया है। यह बैरसिया के लोगों का प्रेम है। उन्होंने कहा कि इस बार का चुनाव देश के मान-सम्मान और श्रीराम मंदिर का चुनाव है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जो श्रीराम का नहीं है, वह किसी भी काम का नहीं है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि 2014 में जब आपने भाजपा को वोट दिया, तो देश से आतंकवाद का सफाया हो गया। दूसरी बार 2019 में वोट दिया था तो अयोध्या में श्रीरामलला विराजमान हो गए, भव्य मंदिर का निर्माण हो गया, कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटा दी गई। तीन तलाक विरोधी कानून लागू हो गया। अब तीसरी बार का वोट देश के मान-सम्मान के लिए देना है। तीसरी बार नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाकर हमें भारत को विश्व गुरु बनाना है। इसलिए इस बार का वोट भी भाजपा को ही मिलना चाहिए।

मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए बैरसिया में उमड़ा जनसैलाब
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार की शाम भोपाल जिले के बैरसिया में भाजपा प्रत्याशी आलोक शर्मा के समर्थन में 1 किलोमीटर का रोड शो किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्थानीय बस स्टैण्ड चौराहा से चौपड़ बाजार तक खुले रथ पर सवार होकर, हाथों में कमल का प्रतीक लेकर जनता का अभिवादन किया और पार्टी प्रत्याशी के लिए आशीर्वाद मांगा। रोड शो के दौरान यात्रा मार्ग की दोनों तरफ की सड़कें भगवामय हो गई। जनता ने सड़क के दोनों ओर खड़े होकर पुष्पवर्षा कर मोदी-मोदी के गगनभेदी नारों के साथ मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

रोड-शो के दौरान मुख्यमंत्री का स्वागत करने क्षेत्र की जनता उमड़ पड़ी। समाज के हर वर्ग के पुरुष, महिलाएं, युवा, बच्चे और बुजुर्ग मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए मौजूद रहे और जगह-जगह मंच से पुष्पवर्षा कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। अनेक स्थानों पर आतिशबाजी की गई। रोड शो के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ रथ पर भाजपा प्रत्याशी आलोक शर्मा, विधायक विष्णु खत्री एवं भोपाल ग्रामीण जिला अध्यक्ष केदार सिंह मंडलोई भी सवार रहे।

भेल की कर्मचारी यूनियन ने आलोक शर्मा को दिया समर्थन
ऑल इंडिया बीएचईएल एम्प्लाइज यूनियन संबद्ध नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के आह्वान पर 30 अप्रैल 2024 को फाउंड्री गेट पर बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी आलोक शर्मा के समर्थन में विशाल द्वार सभा का आयोजन किया गया। यूनियन के सचिव एवं मीडिया प्रभारी आशीष सोनी ने बताया कि हमारी यूनियन की संरक्षक एवं मंत्री मप्र शासन कृष्णा गौर द्वारा सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कारखाना एवं कर्मचारी हित में हमने हमेशा संघर्ष किया है और आगे भी श्रमिक परिवार के सुख-दुख में साथ देते रहेंगे।

भोपाल लोकसभा के लोकप्रिय प्रत्याशी पूर्व महापौर आलोक शर्मा ने कर्मचारी, अधिकारी ठेका श्रमिकों एवं उपस्थित बीएचईएल परिवार जनसमुदाय से कमल निशान पर वोट रूपी आशीर्वाद देने की अपील किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनकल्याणकारी नीतियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि बीएचईएल के कर्मचारियों, अधिकारियों एवं ठेका श्रमिकों के तमाम कटौतियों को बंद करना एवं कारखाने का विस्तार हमारी मुख्य प्रार्थमिकता है।

सभा में उपस्थित एनएफआइटीयू के राष्ट्रीय महासचिव विराट जायसवाल ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर यूनियन नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बीजेपी के सभी प्रत्याशियों को श्रमिकों के हितों में समर्थन दिया है। इसी तारतम्य में आज बहुत सफल द्वार सभा का आयोजन किया गया है। यूनियन के महासचिव रामनारायण गिरी एवं अध्यक्ष सतेन्द्र कुमार ने बीएचईएल परिवार के सौ से अधिक लोगों को बीजेपी की सदस्यता दिलाई।

सभा स्थल पर सैकड़ों की संख्या में ठेका श्रमिकों ने बीएचईएल ठेका श्रमिक के महामंत्री मेहर अली एवं अध्यक्ष प्रशांत पाठक के नेतृत्व में कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी की नीतियों से ओत प्रोत होकर सदस्यता ग्रहण की। सभी नवागत सदस्यों को प्रभारी आलोक संजर, कृष्णा गौर एवं आलोक शर्मा ने अंगवस्त्र पहनकर स्वागत किया।

यूनियन पदाधिकारियों में अख्तर खान, संजीव नंदा, धर्मेन्द्र दाहट, आशीष सोनी, राजमल बैरागी, विशाल वाणी, अल्ताफ अंसारी, रमेश कुराडिया, धर्मेन्द्र गुप्ता, योगेश देवस्कर, रामनंदन सिंह, नीरज गुप्ता, अश्वनी मौर्य, प्रशांत थाटे, प्रभात कुमार, राहुल वर्मा, मेहर चंद, जयप्रकाश चौधरी, डी डी पाठक, दीपक चौरसिया, विश्वजीत माझी, रामनिवास पाटीदार, रमन जेना, संजय गुप्ता, हरिशंकर प्रसाद, दिनेश सिंह, योगेश सराठे, राजेश बर्मन एवं कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।

भोपाल का इतिहास

भोपाल जिसे नवाबों का और तालाबों के शहर के नाम से जाना जाता है। एशिया की सबसे बड़ी और छोटी मस्जिद का शहर भोपाल। वह भोपाल जिसने पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, उमा भारती और कांग्रेस जैसे नेता दिए हैं। आज हम बात करेंगे उसी लोकसभा सीट की। ये लोकसभा सीट मध्य प्रदेश की राजधानी में स्थित है। लेकिन यह सीट हमेशा से वीआईपी रही है। इस सीट ने मध्य प्रदेश को मुख्यमंत्री दिया और देश को दिया 9वां राष्ट्रपति यानी शंकर दयाल शर्मा। लिहाजा इस संसदीय सीट का इतिहास जानना दिलचस्प हो जाता है।

भाजपा ने आलोक शर्मा को बनाया उम्मीदवार

2019 के लोकसभा चुनाव में 3.50 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज करने वाली प्रज्ञा सिंह ठाकुर का टिकट काटकर भाजपा ने आलोक शर्मा पर दाव खेला है। ब्राह्मण समाज से आने वाले आलोक शर्मा भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। आलोक शर्मा 1994 में निगम पार्षद रह चुके हैं। 2015 में भोपाल नगर निगम के महापौर रहे हैं। भाजपा ने उन्हें 2023 में भोपाल उत्तर से विधानसभा का टिकट दिया था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। ऐसा कहा जा रहा है कि प्रज्ञा ठाकुर के विवादित बयानों के कारण उनका टिकट काटा गया।

अरुण श्रीवास्तव पर कांग्रेस ने खेला दाव

वहीं अगर कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस पार्टी ने भोपाल की लोकसभा सीट से अरुण श्रीवास्तव को अपना उम्मीदवार बनाया है। अरुण श्रीवास्तव पेशे से वकील हैं और कायस्थ समाज से आते हैं। बता दें कि अरुण श्रीवास्तव कांग्रेस पार्टी के भोपाल ईकाई के उपाध्यक्ष समेत कई अहम पदों पर रह चुके हैं।

भोपाल लोकसभा सीट का महत्व

भोपाल की लोकसभा सीट के तहत 7 विधानसभा की सीटें आती हैं। इनमें से 5 विधानसभा सीटें भाजपा के पास हैं और 2 सीटें कांग्रेस के पास। भोपाल लोकसभा सीट के तहत बैरसिया, भोपाल उत्तर,  नरेला, भोपाल दक्षिण और पश्चिम, भोपाल मध्य, गोविंदपुरा और हुजूर विधानसभा सीटें आती हैं।

भोपाल लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास क्या है?

भोपाल गैस कांड से पहले भोपाल लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ थी। लेकिन इसके बाद भाजपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की। इसके बाद से भाजपा अबतक इस सीट पर हारी नहीं है। भोपाल में अबतक 16 बार आम चुनाव हुए हैं। जिसमें से 9 बार भाजपा, 5 बार कांग्रेस और 1 बार जनसंघ और भारतीय लोकदल ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस को यहां 1957, 1962, 1971, 1980 और 1984 में जीत मिली है। यानी उस समय इसे कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। लेकिन भोपाल गैस कांड के बाद से यहां की तस्वीर बदली। तब से लेकर अबतक यानी 1989 से लेकर 2019 तक इस सीट पर लगातार भाजपा जीत रही है। सबसे ज्यादा बार भाजपा के सुशील चंद्र इस सीट से सांसद रहे हैं। 2019 में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को इस सीट पर टिकट दिया गया था, जिसमें भारी बहुमत से उन्हें जीत मिली थी।

भोपाल लोकसभा सीट का सियासी समीकरण

2011 की जनगणना के अनुसार भोपाल लोकसभा सीट पर 19 लाख से ज्यादा वोटर्स हैं। इसमें से 10 लाख से ज्यादा पुरुष और 9 लाख से ज्यादा महिला वोटर्स हैं। 56 फीसदी हिंदू हैं यहां और 40 फीसदी आबादी मुस्लिम हैं। 7 मई को इस सीट पर वोटिंग की जाएगी। वहीं चुनाव के परिणाम 4 जून को घोषित किए जाएंगे।

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