रिपोर्ट- पल्लवी त्रिपाठी
नई दिल्ली : देशभर में कोरोना की दूसरी लहर लगातार खतरनाक होती जा रही है । ऐसे में अस्पतालों में पुख्ता इंतजाम न होना मरीजों के लिए घातक साबित हो रहा है । अभी तक कई राज्यों में कोरोना वैक्सीन की कमी की बात कही जा रही थी । इस बीच जहां कुछ अस्पतालों में लोगों के लिए बेड उपलब्ध नहीं है । वहीं कुछ जगहों पर ऑक्सीजन की कमी है ।
हालात इस हद तक बेकार हो गए है कि मरीजों को ऑक्सीजन का जुगाड़ खुद से करने के लिए कहा जा रहा है । ऑक्सीजन की कमी होने के चलते अस्पताल मरीजों को एडमिट नहीं कर रहे हैं । और अगर उन्हें एडमिट भी किया जा रहा है तो मरीज के परिजनों को ऑक्सीजन का इंतजाम खुद करने के लिए कहा जा रहा है । साथ ही इत्तला किया जा रहा है कि अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं है, अगर मरीज को कुछ हो जाता है तो उसका जिम्मेदार अस्पताल नहीं होगा ।
बता दें कि अस्पतालों की ये हालत किसी एक शहर या राज्य तक में सीमित नहीं है । स्वास्थ्य तंत्रों की कमी से देश के बड़े शहरों के कई अस्पताल जूझ रहे हैं । महाराष्ट्र में जहां कोरोना के आंकड़े सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रहे हैं । मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है । राज्य में फिलहाल 1200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध हैं ।
वहीं, मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार का दावा है कि उन्होंने ऑक्सीजन की उपलब्धता 130 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 267 मीट्रिक टन कर दी है, यानी दो गुना ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ा दी है । लेकिन डिमांड इससे भी दो गुना ज़्यादा है । जिसके चलते ऑक्सीजन की दिक्कत वहां पर भी बनी हुई है ।
देश की राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन सप्लाई की डिमांड तीन गुना बढ़ गई है । जबकि राजस्थान में दो हफ्ते में ऑक्सीजन की डिमांड ढाई गुना बढ़ गई है । वहीं, यूपी में ऑक्सीजन की डिमांड इतनी ज्यादा बढ़ी है कि ऑक्सीजन तैयार करने वाली फैक्ट्रियां दोगुनी कर दी गई है । लेकिन ऑक्सीजन की कमी का संकट बरकरार है ।