सार्वजनिक प्रसारणकर्ता ‘प्रसार भारती’ ने न्यूज एजेंसी ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ को कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि वो उसकी सेवाएं लेना बंद कर सकती है।
दरअसल प्रसार भारती के अनुसार, ‘पीटीआई’ राष्ट्रीय हितों के अनुरूप काम नहीं कर रही है।पिछले दिनों ‘पीटीआई’ ने भारत में चीन के राजदूत सुन वेडोंग और चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री का इंटरव्यू किया था।
अपने इंटरव्यू में सुन ने सीमा पर तनाव के लिए भारत पर आरोप लगाए थे। इंटरव्यू में चीनी राजदूत से सवाल पूछा गया था कि क्य अब तनाव खत्म हो जाएगा तो सुन ने कहा था कि यह दायित्व भारत का है न कि चीन का।
इस ट्वीट में मिस्री को यह कहते हुए प्रस्तुत किया गया कि भारत को भरोसा है कि चीन अपनी जिम्मेदारी को समझेगा और दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को खत्म करने के लिए वह वास्तविक नियंत्रण रेखा के अपने वाले हिस्से पर पीछे हटेगा।
राजदूत के इस बयान को सरकार, खासतौर से प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के खिलाफ माना गया।
जिसमें प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर कहा था कि भारत की सीमा में न तो कोई घुसपैठ हुई है और न ही हमारी किसी जमीन पर कोई कब्जा किया गया है।