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प्रदूषण के मसले पर फिर आमने सामने केंद्र और केजरीवाल, पढ़िए क्या है पूरा मसला

By: RNI Hindi Desk 
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प्रदूषण के मसले पर फिर आमने सामने केंद्र और केजरीवाल, पढ़िए क्या है पूरा मसला

दिल्ली वैसे तो देश की राजधानी कही जाती है लेकिन सर्दियों में लोगों का दम घुटने लग जाता है और उसका सबसे बड़ा कारण है प्रदूषण, वैसे देखा जाए तो अभी सर्दियों का मौसम शुरु भी नहीं हुआ है लेकिन हवा की दशा जरुर अभी से बिगड़ने लगी है।

दरअसल दिल्ली में प्रदूषण की समस्या पराली जलाने को लेकर होती है। पंजाब हरियाणा जैसे कई राज्य जब पराली को जलाते है तो उससे दिल्ली की हवा बिगड़ जाती है और सर्दियों में वैसे ही नमी होने के कारण हवा के कण दूषित जल्दी होते है।

दिल्ली में हर बार ऐसा होता है की इस मसले पर केंद्र और दिल्ली सरकार आमने सामने होते है और इस बार भी यही हुआ है। दरअसल केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक बयान में ये कह दिया की पराली से तो सिर्फ 4 फीसदी प्रदूषण होता है बाकी दिल्ली की अपनी समस्या के कारण ये होता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली में बायोमास जलती है और ये सभी कारक मिलकर राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण संकट में योगदान करते हैं। वहीं दूसरी और पंजाब में पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 280% का इजाफा हुआ है।

उनके इस बयान के बाद सीएम केजरीवाल चुप कहा बैठने वाले थे। उन्होंने भी पलटवार करते हुए कहा, बार-बार इनकार करने से कुछ नहीं होगा। अगर पराली जलने से सिर्फ चार फीसदी प्रदूषण हो रहा है तो फिर अचानक रात में ही कैसे प्रदूषण फैल गया ? उससे पहले तो हवा साफ थी और यही कहानी हर साल होती है। कुछ ही दिनों में दिल्ली में प्रदूषण को लेकर ऐसा कोई उछाल नहीं हुआ है ?

दिल्ली सीएम ने अपने ट्वीट में लिखा कि इस बात को मानना होगा कि हर साल उत्तर भारत में पराली जलने के कारण प्रदूषण फैलता है और इसे हमें साथ में मिलकर लड़ना होगा। राजनीति और एक दूसरे पर आरोप लगाने से कुछ नहीं होगा, लोगों को नुकसान हो रहा है। कोरोना के वक्त में इस तरह प्रदूषण का संकट चिंता का विषय है।

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