केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस सहित कुल छह प्रत्याशी मैदान में हैं। इस उपचुनाव के लिए प्रचार आज शाम 5 बजे थम जाएगा। 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को मतगणना के बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे। शांतिपूर्ण चुनाव के लिए निर्वाचन विभाग और प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
कैसे खाली हुई केदारनाथ विधानसभा सीट
9 जुलाई को केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की विधायक शैलारानी रावत के निधन के कारण यह सीट खाली हो गई थी। इसके बाद 15 अक्तूबर को भारत निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव की अधिसूचना जारी की, और 22 से 29 अक्तूबर के बीच नामांकन प्रक्रिया संपन्न हुई। कुल 6 उम्मीदवारों ने इस उपचुनाव में नामांकन भरा।
भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला
इस उपचुनाव में भाजपा ने आशा नौटियाल को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने मनोज रावत को मैदान में उतारा है। इनके अलावा उत्तराखंड क्रांति दल से डॉ. आशुतोष भंडारी और तीन निर्दलीय प्रत्याशी – त्रिभुवन चौहान, आरपी सिंह, और प्रदीप रोहन रुढ़िया भी चुनाव लड़ रहे हैं। सभी प्रत्याशी बीते 17 दिनों से क्षेत्र में व्यापक प्रचार कर रहे थे।
मतदान और सुरक्षा की तैयारियां
सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी धीरज कुमार के अनुसार, केदारनाथ उपचुनाव में 90875 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदान के लिए 173 पोलिंग बूथ स्थापित किए गए हैं। 18 नवंबर को दूरस्थ क्षेत्रों जैसे गौंडार, रांसी, और चिलौंड के पोलिंग बूथों के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना होंगी, जबकि शेष पोलिंग पार्टियां 19 नवंबर को रवाना की जाएंगी। शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने विशेष सुरक्षा इंतजाम किए हैं।
इस उपचुनाव का परिणाम यह तय करेगा कि कौन सा दल केदारनाथ क्षेत्र में आगामी वर्षों के लिए नेतृत्व करेगा। भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने से इस उपचुनाव पर सभी की नजरें टिकी हैं।