इब्ने हसन की रिपोर्ट
कानपुर के अलावा आसपास के जिलों से हैलट भर्ती हुए मरीजों की मृत्यु के बाद उनका भी पोस्टमार्टम यही होता है और यही कारण है कि पोस्टमार्टम हाउस में शवो के पोस्टमार्टम की संख्या एक बार बढ़ी है।
लावारिस शवो से आने वाली दुर्गन्ध से अन्य शवो के साथ आये लोगो का पोस्टमार्टम परिसर में बैठना मुश्किल होता जा रहा है।
पोस्टमार्टम हाउस में भीषण गर्मी के कारण डॉक्टर कर्मचारी फार्मेशिस्ट सभी परेशान रहते है। ज भी 18 शवों का हुआ पोस्टमार्टम जबकि 4 लावारिस शवों का पोस्टमार्टम होना बाकी है।
पोस्टमार्टम हाउस में सुबह आने वाले शवो को रखने की उचित व्यवस्था न होने के कारण उन्हें बस ज़मींन पर रख दिया जाता है।
बाद में एनउंस कर परिजनों को बुला कर शव की पहचान कर अंदर रखवाया जाता है तब इन शवों का पोस्टमार्टम होता है।