जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को बढ़त मिलती नजर आ रही है, लेकिन चुनावी समीकरण जटिल हैं और नतीजे एग्जिट पोल से अलग भी हो सकते हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोतरी और पीडीपी के कमजोर प्रदर्शन के कारण यह चुनाव दिलचस्प मोड़ पर आ सकता है।
जम्मू रीजन में बीजेपी की पकड़ मजबूत
जम्मू रीजन में कुल 43 सीटें हैं, जहां भाजपा मजबूत स्थिति में नजर आ रही है। इस क्षेत्र में भाजपा के समर्थन की संभावना अधिक है, जिससे वह 30 या अधिक सीटें जीत सकती है। इसके साथ ही, अगर निर्दलीय उम्मीदवार भाजपा के साथ जाते हैं, तो समीकरण पूरी तरह से बदल सकता है।
कश्मीर रीजन में कांग्रेस और सहयोगी दल मजबूत
कश्मीर रीजन में कुल 47 सीटें हैं, जहां कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की स्थिति बेहतर है। हालांकि, पीडीपी इस बार कमजोर दिखाई दे रही है और 10 सीटों के अंदर सिमट सकती है। इससे कांग्रेस के लिए कुछ चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं, खासकर अगर निर्दलीय उम्मीदवार भाजपा के पक्ष में जाते हैं।
निर्दलीय उम्मीदवार महत्वपूर्ण भूमिका में
एग्जिट पोल में कांग्रेस की बढ़त के बावजूद, निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या 12 तक पहुंच सकती है, जिससे अंतिम नतीजे अप्रत्याशित हो सकते हैं। अगर निर्दलीय उम्मीदवार भाजपा के साथ गठबंधन करते हैं, तो भाजपा के लिए सरकार बनाने का रास्ता खुल सकता है।
बहुमत का समीकरण
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं, और 5 नॉमिनेट विधायकों के साथ बहुमत के लिए 48 सीटों की आवश्यकता होगी। भाजपा और निर्दलीयों के बीच गठबंधन बनता है तो एग्जिट पोल के नतीजे पलट सकते हैं।
8 अक्टूबर को आएंगे नतीजे
असली तस्वीर 8 अक्टूबर को चुनावी नतीजों के बाद साफ होगी, जब पता चलेगा कि जम्मू-कश्मीर की जनता ने किस पार्टी पर भरोसा जताया है और क्या एग्जिट पोल के नतीजे सटीक थे या नहीं।