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J-K Assembly Election: अमित शाह का बड़ा बयान, “जम्मू-कश्मीर चुनाव खत्म करेगा अब्दुल्ला, मुफ्ती और नेहरू-गांधी परिवारों का शासन”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण से पहले आज (21 सितंबर) जम्मू-कश्मीर के मेंढर निर्वाचन क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। रैली में कहा कि, यह चुनाव तीन प्रमुख राजनीतिक परिवारों—अब्दुल्ला, मुफ्ती और नेहरू-गांधी परिवार—के लंबे शासन को समाप्त करेगा।

By: Rekha 
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J-K Assembly Election: अमित शाह का बड़ा बयान, “जम्मू-कश्मीर चुनाव खत्म करेगा अब्दुल्ला, मुफ्ती और नेहरू-गांधी परिवारों का शासन”

मेंढर, जम्मू-कश्मीर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण से पहले आज (21 सितंबर) जम्मू-कश्मीर के मेंढर निर्वाचन क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। रैली में कहा कि, यह चुनाव तीन प्रमुख राजनीतिक परिवारों—अब्दुल्ला, मुफ्ती और नेहरू-गांधी परिवार—के लंबे शासन को समाप्त करेगा। शाह ने कहा, “90 के दशक में फारूक अब्दुल्ला की नीतियों के कारण आतंकवाद ने इस क्षेत्र में प्रवेश किया।”

शाह ने पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा कि “पहले के नेता पाकिस्तान से डरते थे, लेकिन अब पाकिस्तान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से डरता है।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान ने गोलीबारी की, तो भारत उसका जवाब गोले से देगा।

तीन परिवारों का अंत और लोकतंत्र की बहाली
अमित शाह ने कहा कि इन तीन परिवारों ने जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को रोक रखा था। यदि 2014 में मोदी सरकार सत्ता में नहीं आई होती, तो पंचायत, ब्लॉक, और जिला स्तर के चुनाव संभव नहीं होते। उन्होंने कहा कि 90 के दशक से 2014 तक इन परिवारों के शासन में आतंकवाद ने क्षेत्र में तबाही मचाई, जिसमें 40,000 से अधिक युवाओं की जान गई।

शाह ने कहा कि, “फारूक अब्दुल्ला के शासन के दौरान 90 के दशक में आतंकवाद ने कश्मीर में पैर जमाए, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं।” उन्होंने कहा कि इस बार का चुनाव जम्मू-कश्मीर में इन परिवारों के लंबे समय से चले आ रहे शासन को समाप्त कर देगा और लोकतंत्र को मजबूत करेगा।

2024 विधानसभा चुनाव पर नजर
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों को “तीन परिवारों के शासन के अंत का चुनाव” करार दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर मोदी सरकार 2014 में नहीं आई होती, तो यहां लोकतांत्रिक चुनाव संभव नहीं हो पाते। शाह के इस बयान के बाद जम्मू-कश्मीर की राजनीति में खलबली मच गई है, और आगामी चुनावों को लेकर सियासी घमासान और तेज होने की संभावना है।

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