पश्तून मार्च, फेडरली एडमिनिस्टर्ड ट्राइबल एरिया के युवा पश्तूनों के नेतृत्व में एक विरोध आंदोलन है। ये लोग लंबे समय से सैन्य अभियानों, आंतरिक विस्थापन, जातीय रूढ़ियों और सुरक्षा बलों द्वारा अपहरण की घटनाओं का सामना कर रहे हैं। इसके विरोध में ये लोग सेना के खिलाफ प्रदर्शन करते रहते हैं।
पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट की कार्यकर्ता नरगिस अफशीन खत्तक ने ट्वीट करके कहा, “वाना दक्षिण वजीरिस्तान में पीटीएम की सफलतापूर्वक मीटिंग के लिए बधाई। लोगों के संघर्ष और जज्बे को लाल सलाम। पश्तून लॉन्ग मार्च 2 वाना, लॉन्ग लाइव प्रतिरोध।
इस मार्च का आयोजन पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट द्वारा किया गया था जो एक राजनीतिक पार्टी है। यह क्षेत्र में सैन्य अपराधों को उजागर करता है और ऐसे मुद्दों को सामने लाता है, जिनमें फर्जी मुठभेड़ों समेत स्थानीय लोगों को पीड़ित करना शामिल है।
पीटीएम पश्तूनों के मानवाधिकारों के लिए चलाया जाने वाला एक मूवमेंट है। यह मूवमेंट खासतौर पर खैबर पख्तून्ख्वा और बलूचिस्तान में रहने वाले पश्तूनों के लिए शुरू किया गया था। इसकी शुरुआत मई 2014 में डेरा इस्माइल खान में गोमाल यूनिवर्सिटी के आठ छात्रों ने की थी।
यह इलाका फेडरल एडमिनिस्टर्ड ट्राइबल एरिया या फाटा के अंतर्गत आता है। जनवरी 2018 में इस मूवमेंट में नया मोड़ उस वक्त आया जब एक फर्जी मुठभेड़ में नकीबुल्ला मेहसूद नाम के शख्स की बेरहमी से हत्या कर दी गई।
बता दें कि यहां बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। हालांकि, इस आयोजन को लेकर पाकिस्तानी मीडिया काफी मुस्तैद है।