वाशिंगटन: अमेरिका के शिकागो में बुजुर्गों से टेली-मार्केटिंग स्कीम चलाकर मनी लांड्रिंग के आरोपी भारतवंशी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। उसे बीस साल तक की सजा हो सकती है। सजा एक अप्रैल को सुनाई जाएगी। न्याय विभाग के अनुसार 27 वर्षीय हीरेन पी चौधरी ने स्वीकार किया है कि उसने टेली-मार्केटिंग स्कीम के लिए जाली पासपोर्ट बनवाया।
उसमें नाम और पता दोनों ही फर्जी थे। इसी पासपोर्ट के आधार पर उसने बैंक अकाउंट खोले, जिनमें वह धोखाधड़ी के रुपये जमा कराता था। हीरेन बुजुर्गो को अपने जाल में फंसाकर उनके बैंक डिटेल प्राप्त कर लेता था और उनकी आइडी से रुपये निकालने के धंधे में लगा हुआ था।
मैसाचुसेट्स की एक बुजुर्ग महिला के खाते से उसने नौ लाख डालर निकाल लिए। इसी तरह से उसने अन्य लोगों के साथ भी धोखाधड़ी कर बैंकों के रुपये निकाले। अपने एक बैंक अकाउंट में रुपये डालने के दौरान ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया।