1. हिन्दी समाचार
  2. Breaking News
  3. बंगाल विधानसभा चुनाव के अंतिम दो चरणों के मतदान एक साथ होने के संकेत, जानें अधिकारियों ने EC से क्या कहा?

बंगाल विधानसभा चुनाव के अंतिम दो चरणों के मतदान एक साथ होने के संकेत, जानें अधिकारियों ने EC से क्या कहा?

By: RNI Hindi Desk 
Updated:
बंगाल विधानसभा चुनाव के अंतिम दो चरणों के मतदान एक साथ होने के संकेत, जानें अधिकारियों ने EC से क्या कहा?

रिपोर्ट: सत्यम दुबे

कोलकाता: कोरोना के दूसरे लहर का कहर लगातार जारी है, एक तरफ देश में महामारी के संक्रमण से हाहाकार मचा हुआ है, तो वहीं दूसरी तरफ बंगाल चुनाव पर भी इसका असर पड़ता दिखाई दे रहा है। कोरोना कहर के बीच लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं, क्या बंगाल में बाकी चरणों के चुनावों को एक साथ नहीं कराया जा सकता? सवाल खड़े होने के बाद  बंगाल में चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त चुनाव पर्यवेक्षकों ने इस बात का संकेत दिया है कि अंतिम के दो चरणों के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं।

आपको बता दें कि मंगलवार को एक सीनियर चुनाव अधिकारी ने कहा कि चुनाव पर्यवेक्षकों (पोल ऑब्जर्वर) कहना है कि अगर उन्हें अतिरिक्त सुरक्षाबल दिए जाए तो आखिर के दो चरणों के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं। आठ चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव में अभी तीन चरणों में चुनाव होने हैं। 22 अप्रैल को छठे चरण का मतदान है, वहीं 26 को सांतवें और 29 को आठवें चरण का मतदान होना है।

चुनाव पर्यवेक्षक अजय नायक और विवेक दूबे ने पिछले हफ्ते में चुनाव आयोग को इस बारे में एक चिट्ठी लिखकर सुझाव मांगा था, लेकिन चुनावी समिति (पोल पैनल) ने अभी तक उनके चिठ्ठी का कोई जवाब नहीं दिया है। राज्य में आठ चरणों के मतदान में 6ठे चरण के तहत 43 सीटों पर 22 अप्रैल को मतदान होना है। देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच पश्चिम बंगाल में बाकी चरणों के मतदान एक साथ कराने की मांग कई बार की जा चुकी है। इसी के साथ राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को भी चुनाव आयोग से विधानसभा चुनाव में बाकी बचे चरणों के चुनाव एक साथ कराने की अपील की है।

मौजूदा वक्त में बंगाल में सुरक्षाबलों की 1000 कंपनियां तैनात हैं। छठा चरण बहुत करीब है, इसलिए उसके बारे में कुछ नहीं किया जा सकता। लगातार बढ़ रहे कोरोना महामारी की गंभीरता से चुनाव आयोग वाकिफ है। यही कारण है कि पर्यवेक्षकों ने अंतिम दो चरणों के चुनाव के विलय का सुझाव दिया था। अगर चुनाव आयोग इनके सुझाव को मानता है तो वहां के हालात को देखते हुए सुरक्षाबलों की 500 ​​अतिरिक्त कंपनियों की ज़रूरत पड़ेगी।

पर्यवेक्षकों द्वारा लिखी गई इस चिठ्ठी में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि बंगाल के मुख्य निर्वाचन आयुक्त के ऑफिस के कम से कम 25 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जबकि दो उम्मीदवारों ने कोरोना महामारी से अपनी जान गंवा दी है। चुनाव आयोग के अधिकारी ने कहा कि राज्य में दोबारा चुनाव (री-पोल) 13 मई या 14 मई को कराए जा सकते हैं।

लेकिन चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी, कि अंतिम दो चरणों के विलय का कोई प्रस्ताव नहीं था। पिछले हफ्ते भी चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा था कि सर्वदलीय बैठक में भी इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं आया था।

चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि छठे और सातवें चरण में परिवर्तन लागू नहीं किए जा सकते, क्योंकि यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत उम्मीदवारों के अधिकार का उल्लंघन करेगा। अगर जरूरी हुआ तो हम सातवें और आठवें चरण के चुनाव में कोरोना के प्रावधानों को भी सख्त बना सकते हैं। लगातार बढ़ रही महामारी से भी मंगलवार को बंगाल में एक दिन में कोरोना के करीब दस हजार नए केस आए और इसी दौरान 46 लोगों की मौतें हुईं।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...