भारतीय नौसेना आज ‘सी विजिल’ अभ्यास के चौथे संस्करण की शुरुआत करने जा रही है। जिसका उद्देश्य देश की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं का आकलन करना और उसे आगे बढ़ाना है। दो दिन का राष्ट्रीय स्तर का तटीय रक्षा अभ्यास 20 और 21 नवंबर को होगा, जिसमें बंगाल क्षेत्र सहित पूरे भारत के तटीय क्षेत्र शामिल होंगे। बता दें कि भारतीय नौसेना अपनी समुद्री सुरक्षा क्षमता को परखने के लिए अभ्यास कर रही है।
अभ्यास का प्रबंधन कोलकाता में नौसेना बेस INS नेताजी सुभाष में, संयुक्त समन्वय केंद्र (jcc) से किया जाएगा। जहां सब एजेंसियों के बीच समन्वय होगा। बंगाल क्षेत्र के नौसेना के प्रभारी अधिकारी कमोडोर अजय यादव ने कहा कि अभ्यास में 16 से अधिक केंद्रीय और राज्य एजेंसियां भाग लेंगी।
इनमें भारतीय तटरक्षक बल, बंगाल पुलिस, राज्य मत्स्य विभाग, बंदरगाह और शिपिंग विभाग, साथ ही सेना, वायु सेनाIndian Navy New, सीमा शुल्क और खुफिया ब्यूरो भी शामिल हैं। पहली बार, राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) भी इस आयोजन में शामिल होगी।
26/11 मुंबई आतंकी हमलों के जवाब में 2019 में ‘सी विजिल’ अभ्यास शुरू किया गया था, जिसका लक्ष्य भारत के तटीय सुरक्षा ढांचे को मजबूत करना और समुद्री खतरों के खिलाफ बेहतर तैयारी सुनिश्चित करना था। यह अभ्यास बंदरगाहों, तेल रिगो, केबल लैंडिंग स्टेशनों और कमजोर तटीय आबादी जैसे प्रमुख तटीय बुनियादी ढांचे की सुरक्षा लिए किया जाता है।
भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के जहाज, विमान और अन्य संपत्तियां, विभिन्न सिमुलेशन अभ्यासों में भाग लेंगी। प्रतिभागी तटीय सुरक्षा उपायों में किसी भी कमज़ोरी का आकलन करने और उसे दूर करने के लिए मिलकर काम करेंगे, साथ ही समुद्री एजेंसियों के बीच सहयोग और समन्वय बढ़ाएंगे। स्पष्ट कर दें कि ‘सी विजिल-2024’ भारत की लंबी और रणनीतिक तटरेखा की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण अभ्यास के रूप में कार्य करता है।
This Post is written by Shresyasi Gupta