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टोक्यो पैरालिंपिक में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत ने स्वर्ण पदक जीतकर रचा इतिहास, मनोज का ब्रॉन्ज पर कब्जा

टोक्यो में खेले जा रहे पैरालिंपिक मैचों में भारत का दिन आज के लिए बेहद खास रहा। क्योंकि आज बैडमिंटन में भारतीय खिलाड़ियों ने इतिहास रच दिया है। आपको बता दें कि भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत ने टोक्यो पैरालंपिक की पुरूष एकल क्लास एसएल3 बैडमिंटन स्पर्धा में गोल्ड मेडल (स्वर्ण पदक) जीता।

By: Amit ranjan 
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टोक्यो पैरालिंपिक में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत ने स्वर्ण पदक जीतकर रचा इतिहास, मनोज का ब्रॉन्ज पर कब्जा

नई दिल्ली : टोक्यो में खेले जा रहे पैरालिंपिक मैचों में भारत का दिन आज के लिए बेहद खास रहा। क्योंकि आज बैडमिंटन में भारतीय खिलाड़ियों ने इतिहास रच दिया है। आपको बता दें कि भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत ने टोक्यो पैरालंपिक की पुरूष एकल क्लास एसएल3 बैडमिंटन स्पर्धा में गोल्ड मेडल (स्वर्ण पदक) जीता। शनिवार को उन्होंने बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स एसएल3 फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के वर्ल्ड नंबर-2 डेनियल बेथेल को 21-14, 21-17 से हराया। इसके साथ ही 33 साल के प्रमोद भगत पैरालंपिक के बैडमिंटन इवेंट में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय शटलर बन गए हैं।

 

वहीं एसएल3 वर्ग में ही मनोज सरकार ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता। उत्तराखंड के रहने वाले मनोज ने ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में जापान के डाइसुके फुजिहारा को 46 मिनट में 22-20, 21-13 से शिकस्त दी। गौरतलब है कि मनोज सरकार को सेमीफाइनल में डेनियल बेथेल ने हरा दिया था। इसके साथ ही भारत के पदकों की संख्या 17 हो गई।

आपको बता दें कि टोक्यो पैरालंपिक में भुवनेश्वर के प्रमोद ने चौथा गोल्ड मेडल दिलाया। शनिवार को ही मनीष नरवाल (Men’s 50m Pistol SH1) ने तीसरा गोल्ड मेडल दिलाया है। इससे पहले अवनि लखेरा (Women’s 10m Air Rifle SH1) और सुमित अंतिल (Men’s Javelin Throw F64) ने स्वर्ण पदक दिलाया था।

 

एसएल वर्ग में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिन्हें खड़े होने में दिक्कत हो या निचले पैर का विकार हो, जबकि एसयू में ऊपरी हिस्से के विकार वाले एथलीट खेलते हैं।

मौजूदा पैरालंपिक में भारत ने अब तक 17 पदक जीते हैं। भारत के खाते में अब 4 स्वर्ण, 7 रजत और 6 कांस्य पदक हैं। इसके साथ ही वो 25वें स्थान पर आ गया है। यह पैरालंपिक के इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। रियो पैरालंपिक (2016) में भारत ने 2 स्वर्ण सहित 4 पदक जीते थे।

 

सुहास और कृष्णा से भी गोल्ड की आस

आपको बता दें कि बैडमिंटन में भारतीय खिलाड़ियों सुहास यथिराज और कृष्णा नागर भी फाइनल में प्रवेश कर चुके हैं। एसएल4 क्लास में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी सुहास ने सेमीफाइनल में इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान को 31 मिनट में 21-9, 21-15 से हराया था। अब रविवार को फाइनल में नोएडा के जिलाधिकारी सुहास का सामना फ्रांस के लुकास मजूर से होगा।

दूसरी ओर, कृष्णा नागर ने एसएच6 वर्ग के सेमीफाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के क्रिस्टन कूम्ब्स को महज 27 मिनट में 21-10, 21-11 से शिकस्त दी। फाइनल में 22 साल के कृष्णा का सामना रविवार को हॉन्गकॉन्ग के चु मान काई से होगा।

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