Terrorists opened fire on army and police personnel in Baramulla, Jammu and Kashmir; जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकियों ने बरसाईं सेना और पुलिस जवानों पर गोली। जवाबी कार्रवाई में ढेर हुआ एक आतंकी। मारे गए आतंकी की पहचान जावेद वानी के तौर पर हुई है।
नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के बारामूला (Baramulla) में सेना और पुलिस के जवानों ने एक आतंकी को ढेर कर दिया। मारे गए आतंकी की पहचान जावेद वानी के तौर पर हुई है। उसके पास से एक पिस्टल, एक लोडेड मैग्जीन और एक पाकिस्तानी ग्रेनेड भी बरामद किया गया है। जानकारी के मुताबिक, सर्च अभियान के दौरान आतंकियों ने सेना और पुलिस के जवानों पर गोलियां बरसाई। इसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को ढेर कर दिया।
आपको बता दें कि यह घटना बारामूला के चेरदारी (Cherdari) इलाके में हुई है। कश्मीर पुलिस के आईजी ने कहा कि मारे गए आतंकियों कि पहचान कुलगाम के जावेद वानी के रूप में हुई है। उसने 20 अक्टूबर को वनपोह में बिहार के दो मजदूरों की हत्या में आतंकी गुलजार की मदद की थी। पुलिस के मुताबिक, जावेद बारामूला में एक दुकानदार को निशाना बनाने के अपने मिशन पर था।
Terrorists fired on ADP of Army and Police in Cherdari, Baramulla. Alert parties retaliated and 1 terrorist killed. Identification is being ascertained. 1 pistol, 1 loaded magazine & 1 Pak grenade was recovered from his possession: Kashmir Zone Police
— ANI (@ANI) October 28, 2021
बता दें कि इससे पहले, एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को जमात-ए-इस्लामी के आतंकवाद वित्तपोषण के मामले में जम्मू कश्मीर के 7 जिलों में 17 स्थानों पर तलाशी ली। एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम, गांदेरबल, बांदीपोरा और बडगाम जिलों तथा जम्मू के किश्तवाड़ और जम्मू जिलों में छापे मारे गये।
एजेंसी ने कहा कि, ‘‘आज की तलाशी में जमात-ए-इस्लामी के पदाधिकारियों तथा सदस्यों के परिसर शामिल हैं और संदिग्धों के परिसरों से अनेक अभियोजन योग्य दस्तावेज तथा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किये गये।’’ बता दें कि इससे पहले एनआईए ने आठ और नौ अगस्त को छापों के दौरान कश्मीर के 10 जिलों तथा जम्मू के चार जिलों में 61 स्थानों पर तलाशी ली थी।
आपको बता दें कि केंद्र ने फरवरी 2019 में जमात पर आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत इस आधार पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया था कि यह आतंकवादी संगठनों के साथ करीबी संपर्क में था और उसके द्वारा पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य में अलगाववादी आंदोलन को बढ़ने की आशंका थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर उच्चस्तरीय बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने विधिविरुद्ध क्रियाकलाप रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत समूह पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की थी।