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Loksabha Election: जीतू पटवारी ने सीएम मोहन यादव को दी ‘परिपक्व’ होने की सलाह, कहा ‘झूठे आरोप लगाने से बचें’

उन्होंने कहा कि परिपक्वता एक निरंतर प्रक्रिया भी है जिसे जीवन भर विकसित किया जा सकता है। परिपक्वता के लिए प्रयास करना व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने का ही एक तरीका है। वो सिर्फ यही कहना चाहते हैं कि कि प्रदेश के भले के लिए अब तो सीएम परिपक्व बनें तथा तर्क और तथ्य के साथ सच्ची और प्रामाणिक बात करें।

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सीएम मोहन यादव को ‘परिपक्व’ होने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि परिपक्वता एक महत्वपूर्ण गुण है जो व्यक्ति को जीवन में सफल होने में मदद करता है। इस प्रदेश के भले के लिए आप परिपक्व बनें और झूठे आरोप लगाने से बचें।

जीतू पटवारी ने दी सीएम मोहन यादव को सलाह 

जीतू पटवारी ने एक्स पर लिखा है कि ‘मोहन यादव जी! कई बार समझ नहीं आता कि आपको कैसे समझाया जाए? कैसे बताया जाए कि अब आप सामान्य विधायक नहीं, अपने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं! अब यह बात अलग है कि कुर्सी आपको कैसे मिली, क्यों मिली, कब तक के लिए मिली? लेकिन मोहन भैया, जब तक के लिए भी मिली हो, ठीक से बैठिए! कुर्सी की गरिमा बढ़ाइए! आपके भाषण में भाव और भाषा के साथ जब तक सच का समावेश नहीं होगा, आप खुद ही अपने पद, कद और प्रभाव के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे!

स्वाभाविक है जनता भी आपको गंभीरता से नहीं लेगी! ईमानदारी से ऐसा आचरण कीजिए कि जनता शर्म नहीं, गर्व से कह सके कि चयन भले ही “पर्ची-पद्धति” से हुआ हो, परंतु अपने सीएम साहब कुर्सी पर बैठते ही परिपक्व हो गए हैं! मैंने पहले भी कोशिश की थी, लेकिन शायद आपको बात समझ नहीं आ पाई! इसलिए, फिर प्रयास करता हूं – परिपक्वता का अर्थ है – किसी व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास का पूरा होना! यह एक निरंतर प्रक्रिया है, जो जन्म से शुरू होती है और चलती ही रहती है। परिपक्वता के दौरान, व्यक्ति अपने निहित लक्षणों और क्षमताओं को विकसित करता है।’

परिपक्वता के प्रकार गिनाए

आगे उन्होंने लिखा है ‘परिपक्वता के दो प्रमुख प्रकार भी हैं मानसिक परिपक्वता का अर्थ है किसी व्यक्ति के मानसिक विकास का पूरा होना। इसमें बुद्धि, एकाग्रता, निर्णय लेने की क्षमता, समस्या समाधान की क्षमता जैसे बहुत सारे बिंदु शामिल हैं। भावनात्मक परिपक्वता : भावनात्मक परिपक्वता का अर्थ है व्यक्ति के भावनात्मक विकास का पूरा होना। इसमें आत्म- नियंत्रण, आत्म-जागरूकता, दूसरों के साथ संपर्क/समन्वय की क्षमता, आदि शामिल हैं।

मुख्यमंत्री जी, परिपक्वता के पांच प्रमुख लक्षण भी होते हैं। स्वयं पर नियंत्रण : परिपक्व व्यक्ति अपने विचारों, भावनाओं और व्यवहारों पर नियंत्रण रख सकता है। जिम्मेदारी : परिपक्व व्यक्ति अपने कार्यों के लिए जिम्मेदारी लेता है। समझ : परिपक्व व्यक्ति दूसरों और दुनिया को समझ सकता है। सहानुभूति : परिपक्व व्यक्ति दूसरों के दर्द और पीड़ा को महसूस कर सकता है। निष्पक्षता : परिपक्व व्यक्ति निष्पक्ष निर्णय ले सकता है।’

कहा ‘झूठे आरोप लगाने से बचें’

अपनी पोस्ट में जीतू पटवारी ने कहा है कि ‘दरअसल, परिपक्वता एक महत्वपूर्ण गुण है जो व्यक्ति को जीवन में सफल होने में मदद करता है। परिपक्व व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने, चुनौतियों का सामना करने और दूसरों के साथ सकारात्मक संबंध बनाने में सक्षम होता है। परिपक्वता एक निरंतर प्रक्रिया भी है जिसे जीवन भर विकसित किया जा सकता है।

परिपक्वता के लिए प्रयास करना व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने का ही एक तरीका है। परिपक्वता एक महत्वपूर्ण अवधारणा भी है, जो व्यक्ति और समाज, दोनों के विकास को प्रभावित करती है। परिपक्व व्यक्ति अधिक जिम्मेदार, विचारशील और रचनात्मक होते हैं। संक्षेप में सिर्फ यही कहना चाहता हूं कि प्रदेश के भले के लिए अब तो परिपक्व बनें! झूठे आरोप लगाने से बचें! तर्क और तथ्य के साथ सच्ची और प्रामाणिक बात करें! कुछ तो ऐसा जरूर करें कि आप परिपक्व लगें!’

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