भारत और अमेरिका के बीच तीसरी 2+2 वार्ता मंत्री स्तरीय बैठक नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में शुरू हो गई है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो, रक्षा मंत्री मार्क एस्पर अपने भारतीय समकक्षों एस. जयशंकर और राजनाथ सिंह के साथ वार्ता में शामिल हुए हैं।
बातचीत शुरू होने से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने दिल्ली स्थिति वॉर मेमोरियल पहुंच शहीदों को श्रद्धांजलि दी। भारत और अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता काफी अहम है, जहां दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्री आपस में कई विषयों पर मंथन करेंगे।
इस दौरान दोनों देशों के बीच सुरक्षा, विदेश नीति से जुड़े कई बड़े मसलों पर मंथन हो सकता है। इस बातचीत का मुख्य फोकस BECA समझौते पर हस्ताक्षर होना है।
सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने-अपने समकक्षों से द्विपक्षीय वार्ता की थी, साथ ही अमेरिकी मेहमानों के लिए खास डिनर का आयोजन किया गया था। अब मंगलवार को 2+2 वार्ता के बाद अमेरिकी विदेश और रक्षा मंत्री दोपहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे।
दोनों देशों के बीच BECA पर सहमति बन सकती है। जिसके बाद दोनों देश आपस में मिलिट्री जानकारियां साझा कर पाएंगे, सैटेलाइट और अन्य अहम इनपुट्स बिना किसी रोक-टोक के दोनों देश एक दूसरे को दे पाएंगे।
इस बैठक का मुख्य एजेंडा इसी समझौते पर हस्ताक्षर है। इसके अलावा सैन्य हथियारों, सैन्य अड्डों के इस्तेमाल को लेकर मंथन हो सकता है।भारत की ओर से पाकिस्तान और आतंकवाद के मसले को उठाया जा सकता है, साथ ही लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन के साथ जारी तनाव भी चर्चा का विषय बन सकता है ।
भारत और अमेरिका के बीच बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट ऑन जिओस्पैशिअल कोऑपरेशन (बीका) को लेकर दोनों देशों के बीच समझौता होना है। इस समझौते से भारत को अमेरिकी क्रूज मिसाइलों व बैलिस्टिक मिसाइलों से जुड़ी तकनीक मिलने का रास्ता आसान हो जाएगा।
साथ ही भारत अमेरिका से संवेदनशील सेटेलाइट डाटा भी ले सकेगा इससे दुश्मन देशों की हर गतिविधि पर करीब से नजर रखी जा सकेगी।
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बताया, दोनों मंत्रियों ने इस बात पर संतोष जताया कि इस यात्रा के दौरान ‘बीका’ पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। अमेरिकी रक्षा मंत्री ने मालाबार सैन्य अभ्यास में आस्ट्रेलिया के शामिल होने का स्वागत किया।
इसके अलावा दोनों मंत्रियों के बीच दोनों देशों की सेनाओं के बीच और संयुक्त स्तर पर सहयोग के नए क्षेत्रों पर विचार विमर्श हुआ।उधर, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत एक क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय लीडर है। अमेरिका चाहता है कि उसके साथ चौतरफा करीबी संबंध विकसित हों।
भारत को बड़ी अर्थव्यवस्था, उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने की सरकार की नीति और विश्व की एक बड़ी आर्थिक शक्ति बताते हुए अमेरिका ने कहा कि दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी एक समान मत रखते हैं।