नई दिल्ली में भारत और इस्राइल के बीच उच्चस्तरीय वार्ता आयोजित हुई, जिसमें विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और इस्राइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की। इस बैठक में गाजा शांति योजना, आतंकवाद पर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति, नवाचार, कृषि, तकनीकी सहयोग और निवेश जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत और इस्राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी भरोसे, सहयोग और साझा मूल्यों पर आधारित है। दोनों देशों ने हमेशा कठिन समय में एक-दूसरे का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि भारत और इस्राइल आतंकवाद की समान चुनौती का सामना कर रहे हैं, इसलिए यह आवश्यक है कि विश्व समुदाय आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ का दृष्टिकोण अपनाए।
जयशंकर ने गाजा क्षेत्र की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत ‘गाजा पीस प्लान’ का समर्थन करता है और उम्मीद करता है कि यह योजना स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्होंने बंधकों की रिहाई और मृतकों के पार्थिव अवशेषों की वापसी का स्वागत भी किया।
विदेश मंत्री ने बताया कि हाल ही में हुआ द्विपक्षीय निवेश समझौता भारत-इस्राइल संबंधों को नई दिशा देगा। कृषि, अर्थव्यवस्था, पर्यटन और वित्त क्षेत्रों में इस्राइली मंत्रियों के भारत दौरे से दोनों देशों के बीच सहयोग और गहरा हुआ है। भारत ने रेल, सड़क, बंदरगाह, स्वास्थ्य और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में नई क्षमताएं विकसित की हैं और इन क्षेत्रों में इस्राइल के साथ साझेदारी को आगे बढ़ाना चाहता है।
इस्राइली विदेश मंत्री गिदोन सार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एकजुटता की सराहना करते हुए कहा कि 7 अक्तूबर को हमास के हमले के बाद पीएम मोदी पहले विश्व नेता थे जिन्होंने प्रधानमंत्री नेतन्याहू को फोन कर समर्थन व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि उग्रवाद भारत और इस्राइल दोनों के लिए सबसे बड़ा खतरा है और पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की।
सार ने कहा कि हमास, हिजबुल्लाह और हौती जैसे संगठन क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती हैं, इसलिए गाजा में शांति के लिए हमास का सफाया आवश्यक है। उन्होंने भारत के साथ क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक सहयोग बढ़ाने की इच्छा भी जताई। I2U2 और IMEC जैसे प्रोजेक्ट्स को उन्होंने भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया।
जयशंकर ने कहा कि भारत और इस्राइल के बीच साइबर सुरक्षा, सेमीकंडक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में मजबूत सहयोग जारी है। उन्होंने इस्राइल को अगले साल होने वाले ‘एआई इम्पैक्ट समिट’ में भाग लेने का आमंत्रण भी दिया। दोनों देशों ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी व्यापक चर्चा की और साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प दोहराया।