रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करते हुए भारत ने उच्च स्तरीय बैठक में साफ तौर पर कहा है कि आतंकवाद किसी भी रूप में और इसका दोहरा चरित्र बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यूएनएससी में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवादी गतिविधियों से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरों विषय पर बोलते हुए कहा, कुछ देश ऐसे हैं जो आतंकवाद के खिलाफ काम करने के सामूहिक प्रयास को कमजोर कर रहे हैं।
आपको बता दें कि UNSC में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, हमारे पड़ोस में आईएसआईएस खुरासन और एक्टिव हो गया है। ये लगातार अपने पैर फैलाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में घटित घटनाओं ने स्वाभाविक रूप से वैश्विक चिंताओं को बढ़ा दिया है। भारत, आतंकवाद से संबंधित चुनौतियों और नुकसान से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। जयशंकर ने कहा, दुनिया को आतंकवाद की बुराई से कभी समझौता नहीं करना चाहिए।
#WATCH | “…Whether it’s in Afghanistan or against India, LeT & JeM continue to operate with both impunity & encouragement.. This Council must not take a selective view of the problems we face…” EAM S Jaishankar ta UNSC briefing pic.twitter.com/n56EhB3lQu
— ANI (@ANI) August 19, 2021
सबसे बड़ी बात यह है कि भारत का रुख स्पष्ट करते हुए जयशंकर ने कहा, भारत मानता है कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। आतंकवाद के सभी रूपों, अभिव्यक्तियों की निंदा की जानी चाहिए, इसे किसी भी तरह न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा, कुछ ऐसे देश हैं जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे सामूहिक संकल्प को कमजोर करते हैं, इसकी अनुमति नहीं दी जा सकतीय़
इसके साथ ही उन्होने कहा कि, ISIS का वित्तीय संसाधन जुटाना और अधिक मजबूत हुआ है। हत्याओं का इनाम अब बिटकॉइन के रूप में भी दिया जा रहा है। व्यवस्थित ऑनलाइन प्रचार अभियानों के जरिए कमजोर युवाओं को कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल करना गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।