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प्रधानी का चुनाव लड़ने के लिए नेताजी ने दूसरी जाति की युवती से करा दी बेटे की शादी, आरक्षण में हुआ था बदलाव

By: RNI Hindi Desk 
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प्रधानी का चुनाव लड़ने के लिए नेताजी ने दूसरी जाति की युवती से करा दी बेटे की शादी, आरक्षण में हुआ था बदलाव

रिपोर्ट: सत्य़म दुबे

देवरिया: पंचायत चुनाव लड़ने के लिए लोग काफी दिनों से तैयारी कर रहे थे, सूबे की योगी सरकार ने पहली बार जब परसीमन किया तो कुछ लोगो को खुशी हुई, वहीं कुछ लोगो की तैयारी भी गम के साथ धुल गई। लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक बार फिर प्रधान बनने वाले लोंगो में नई उम्मीद जगाई। हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि 2015 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण आवंटित करें। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद एक बार फिर प्रधान बनने वालों में आस जगी।

आपको बता दें कि कुछ ऐसे भी नेता हैं, जो चुनाव लड़ने और जीतने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। आपको बता दें कि ताजा मामला देवरिया जिले से सामने आया है, जहां जिले के तरकुलवा विकास खंड के नारायणपुर गांव के एक सामान्य वर्ग के नेता ने अपने बेटे की शादी पिछड़ी वर्ग की युवती से करा दिया है, जिसके बाद चुनावी रण में अपनी नई नवेली बहू को उतार दिया है।

आपको बता दें कि प्रधान पद वर्ष 2015 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था। इस साल पहली सूची में यह गांव सामान्य जाति के लिए आरक्षित हो गया। लेकिन, हाईकोर्ट के आदेश के बाद जब एक बार फिर नई आरक्षण सूची जारी की गई तो गांव का आरक्षण ही बदल गया और नारायणपुर गांव पिछड़ी महिला के लिए आरक्षित हो गया। वहीं, गांव में प्रधानी का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे सरफराज को नए आरक्षण से झटका लगा। आपको बता दें कि सरफराज सरफराज सामान्य वर्ग से आते हैं।

चुनाव लड़ने की ठान चुके सरफराज ने नया तरीका इजाद किया। गांव का प्रधान बनने के लिए सरफराज ने अपने बेटे सेराज का निकाह पिछड़ी जाति की युवती से करा दिया। इसके साथ ही वह अपनी नई नवेली बहू को प्रधानी का चुनाव लड़ाने की तैयारी में जुट गये हैं।

सरफराज की मानें तो उन्होने बताया कि वे पिछले पांच साल से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। गांव वाले भी चाहते हैं कि वे प्रधान बने, लेकिन सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गई। इसलिए उन्होंने अपने बेटे सेराज की शादी मुस्लिम विरादरी की ही पिछड़ा वर्ग की लड़की से करा दी है, ताकि प्रधानी उनके घर में ही रहे।

कानून की बात करें तो शादी के बाद भी कानूनन लड़की की जाति नहीं बदलती है। मान लीजिए अगर किसी पिछड़ी जाति की लड़की ने किसी सामान्य वर्ग के लड़के से शादी कर ली है तो लड़की पिछड़ी जाति की ही रहेगी। इसी तरह अगर कोई सामान्य जाति की लड़की पिछड़े वर्ग के लड़के से शादी कर ले तो लड़की सामान्य वर्ग की ही मानी जाएगी, उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।

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