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यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा हर दिन कर रही हैं नया प्रयोग

By: RNI Hindi Desk 
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यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा हर दिन कर रही हैं नया प्रयोग

यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा हर दिन कर रही हैं नया प्रयोग

तीन दशक से अधिक समय से भी यूपी की सत्ता से दूर और संगठन के स्तर पर बेहद कमजोर आंकी जा रही कांग्रेस में जान फूंकने के लिए पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा हर दिन नया प्रयोग कर रही हैं।

वह अपनी युवा टीम के हाथ में कमान देकर और बुजुर्गों को साथ रखकर संगठन को बूथ लेवल तक खड़ा करने में जुटी हैं।

फिलहाल कई स्तर पर संगठन में बदलाव करने बाद अपना नया फार्म्युला साफ कर दिया है कि ‘काम नहीं तो पद नहीं’।

कांग्रेस के एक प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी के मुताबिक अब प्रियंका गांधी चाहती हैं कि पद लो तो जवाबदेह बनो, पद लेकर मठाधीश बनने को संगठन से खत्म करने की उनकी कोशिश है।

इस पदाधिकारी की माने तो नई व्यवस्था में साफ कर दिया गया है कि ब्लाक स्तर की मीटिंग में कम से कम 40 वर्करों और जिला स्तर की मीटिंग में 500 वर्करों की मौजूदगी होनी चाहिए।

जिलों में रहकर काम करने को तवज्जों

अगर किसी जिले से प्रभारी प्रदेश सचिव या प्रदेश महासचिव की रिपोर्ट में संख्या कम होने की जानकारी मिलती है तब उस जिले या ब्लाक के अध्यक्ष या जिम्मेदार पदाधिकारी को पद रखने के लिए फिर के आंकलन किया जाएगा।

इसके साथ पांच से छह जिलों के प्रभारी बनाए गए प्रदेश महासचिवों को अब सप्ताह में पांच दिन जिलों में रहकर संगठन के लिए काम करना होगा। बाकी दो दिन पांच दिन के काम की रिपोर्ट हाईकमान को देनी होगी।

 

प्रदेश सचिवों को भी दिया टारगेट

इसी तरह प्रदेश उपाध्यक्षों को भी सप्ताह में दो दिन क्षेत्र में रहना होगा। एक उपाध्यक्ष के पास 12 से 15 जिले हैं।

वेस्ट यूपी के प्रभारी उपाध्यक्ष पंकज मलिक के पास बीस जिले हैं। इसी तरह प्रदेश सचिवों को भी अपने प्रभार वाले जिलों पर खास ध्यान देने के लिए टारगेट दिया गया हैं।

जनहित के हर मुद्दे पर सक्रियता दिखे

जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने तय किया है कि जनहित के हर मुद्दे पर कांग्रेस वर्करों की अपने इलाके में सक्रियता दिखनी चाहिए।

राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के मुद्दों को लेकर देशव्यापी या प्रदेश व्यापारी आंदोलन, धरना प्रदर्शन के साथ ही जिला स्तर पर स्थानीय ज्वलंत मुद्दे को लेकर आवाज बुलंद करें।

अन्याय होने पर पीड़ित के यहां जाए। हमदर्दी जताए और अफसरों से मिलकर मदद पहुंचाएं।

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