नई दिल्ली : देश में जारी कोरोना महामारी के बीच लगातार ऐसी कई खबरें सामने आ रही है, जिसने मानव समाज को झकझोर कर रख दिया है। लेकिन इसके बावजूद भी लगातार ऐसे शर्मनाक खबरें सामने आ रही है, जिसे पढ़ते हीं रूंह तक कांप जाती है। एक ऐसी ही रूह कंपाने वाली खबर जौनपुर के मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र के अमरपुर गांव से सामने आई है। जिसने पूरे मानवता को तार-तार कर दिया है।\
यहां एक बुजुर्ग अपनी मृतक पत्नी को अकेला दाह संस्कार करने के लिए साइकिल से लेकर चल पड़ा। इसके बाद भी गांव वालों में मानवता नहीं जागी। पति को दाह संस्कार करने से गांव की सरहद पर रोक दिया गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को ले जाकर रामघाट पर दाह संस्कार करवाया।
घटना के मुताबिक, अम्बरपुर निवासी तिलकधारी सिंह की पत्नी राजकुमारी 50 काफी दिनों से बीमार चल रही थीं। सोमवार को अचानक तबीयत ज्यादा खराब हो गई तो पति ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वहां भी डॉक्टरों ने ना तो बेड दिया न ही दवाई। इसके कारण उसकी पत्नी की मौत हो गई। इसके बाद पति तिलकधारी पत्नी का शव लेकर दोपहर में घर पहुंचा। वहां कोरोना का हवाला देते हुए कोई भी उसके घर नहीं पहुंचा। शव की स्थिति खराब होती जा रही थी। इसके कारण पति, पत्नी के मृत शरीर को साइकिल पर लादकर अकेला गांव के नदी के किनारे दाह संस्कार करने के लिए चल पड़ा।
अभी नदी के किनारे चिता भी नहीं लगी थी कि गांव के लोगों ने शव जलाने से रोक दिया। जिसकी सूचना मड़ियाहूं कोतवाल इंस्पेक्टर मुन्ना राम धुसियां को मिली। जिसके बाद उन्होंने गांव पहुंचकर जौनपुर स्थित रामघाट पर पुलिस की देखरेख में शव का अंतिम दाह संस्कार कर दिया।