चीन के द्वारा हांगकांग में एक व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पारित करने के बाद जैसी की उम्मीद की जा रही थी उसका सितम शुरू हो गया है।
ब्रिटेन से आजाद होने के बाद 1 जुलाई, 1997 को ब्रिटेन द्वारा हांगकांग की संप्रभुता वापस चीन को सौंप दी गई थी और ‘एक देश, दो प्रणालियों’ समझौते के तहत कम से कम 50 वर्षों के लिए कुछ अधिकार दिए जाने थे।
लेकिन आज जब चीन यहां जुल्म कर रहा है तो ब्रिटेन चुप बैठा है। वही भारत का कहना है कि चीन के कदम से इस वैश्विक वित्तीय केंद्र के स्वतंत्रता और स्वायत्तता को चोट पहुंचेगा।
इसके अलावा अमेरिका ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि वह शांति से नहीं बैठेगा, क्योंकि बीजिंग ने अपने ‘अधिनायकवादी कानून’ से हांगकांग को निगल लिया है।