केंद्र सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी योजना (MCGS-MSME) को मंजूरी दी है, जिसके तहत MSME को 100 करोड़ रुपये तक के ऋण पर 60 प्रतिशत सुरक्षा गारंटी मिलेगी। यह कदम छोटे और मझोले उद्योगों के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगा और उनके विकास को गति देगा।
क्या है MCGS-MSME योजना?
MCGS-MSME योजना के तहत, पात्र MSME को प्लांट, मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए 100 करोड़ रुपये तक का ऋण प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इस योजना में, 60 प्रतिशत गारंटी राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) द्वारा प्रदान की जाएगी, जिससे ऋण संस्थान इस ऋण को बिना अधिक जोखिम के प्रदान कर सकेंगे।
ऋण लेने के लिए पात्रता और शर्तें
पात्रता: योजना के तहत ऋण लेने के लिए एमएसएमई को वैध उद्यम पंजीकरण संख्या के साथ होना आवश्यक है।
ऋण सीमा: योजना के तहत 100 करोड़ रुपये तक का ऋण प्राप्त किया जा सकता है।
परियोजना लागत: ऋण लेने वाले उपकरण या मशीनरी की न्यूनतम लागत परियोजना लागत का 75 प्रतिशत होनी चाहिए।
पुनर्भुगतान अवधि और मोरेटोरियम
50 करोड़ रुपये तक के ऋण: इन ऋणों की पुनर्भुगतान अवधि 8 साल तक होगी और 2 साल तक का मोरेटोरियम भी मिलेगा।
50 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण: इन ऋणों के लिए पुनर्भुगतान अवधि और मोरेटोरियम की अधिकतम सीमा तय की जा सकती है।
इस योजना के फायदे और उद्देश्य
यह योजना भारत के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। MSME सेक्टर देश की जीडीपी का 17 प्रतिशत योगदान देता है और इस कदम से 2.7 करोड़ से अधिक लोग जुड़े हुए हैं। सरकार का उद्देश्य MSME को आर्थिक मजबूती देना है ताकि वे उत्पादन क्षमता में वृद्धि कर सकें और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपना स्थान मजबूत कर सकें।
योजना का दीर्घकालिक प्रभाव
यह योजना 4 साल तक लागू रहेगी, या 7 लाख करोड़ रुपये की गारंटी जारी होने तक। इससे यह सुनिश्चित होगा कि MSME को एक दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा मिले, जिससे वे अपनी वृद्धि और विस्तार की दिशा में कदम उठा सकें।