कांग्रेस पार्टी में परिवारवाद के कारण कई वरिष्ठ नेता बगावती रुख अपना रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के बाद अब गुलाम नबी आजाद ने भी अपनी भड़ास निकाली है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को इशारों में ‘नया लड़का’ कहा है। आजाद ने कहा है कि कांग्रेस सबसे निचले स्तर पर खड़ी है। पार्टी के बड़े नेताओं का कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क टूट गया है। फाइव स्टार होटलों में बैठकर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक नेता को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र का ज्ञान होना चाहिए। केवल दिल्ली से जाना और पांच सितारा होटलों में रहना और दो-तीन दिन बाद दिल्ली लौटना पैसे की बर्बादी के अलावा और कुछ नहीं है।
कांग्रेस के सीनियर नेता और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद का बड़ा बयान सामने आया है। बिहार चुनाव में मिली हार के बाद गुलाम नबी ने कांग्रेस आलाकमान पर अपनी भड़ास निकाली है।
गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि पार्टी का पूरा ढांचा ध्वस्त हो चुका है। साथ ही कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क भी टूट चुका है। वहीं गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी को इशारों में नया लड़का बताया है।
कांग्रेस आलाकमान पर हमला बोलते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि कांग्रेस सबसे निचले स्तर पर खड़ी है। कांग्रेस के बड़े नेताओं का अपने कार्यकर्ता के साथ संपर्क टूट गया है। ब्लॉक के लोगों के साथ, जिलों के लोगों के साथ संपर्क टूट गया है। गुलाम नबी ने कहा कि फाइव स्टार होटलों में बैठकर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।
इससे पहले कांग्रेस के 23 नेताओं ने पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिखी थी। इनमें गुलाम नबी आजाद के साथ कपिल सिब्बल भी शामिल थे। चिट्ठी में पार्टी में ऊपर से नीचे तक बदलाव करने की मांग की गई थी, जिससे काफी विवाद हो गया था।पिछले 72 साल में कांग्रेस सबसे निचले पायदान पर है।
कांग्रेस के पास पिछले दो कार्यकाल के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद भी नहीं है। लेकिन ऐसी स्थिति में भी पार्टी नेतृत्व में सवाल उठाने वाले नेताओं को विरोध का सामना करना पड़ता है। गांधी परिवार के नेतृत्व के तौर-तरीकों पर सवाल करने वालों को पार्टी में किनारे कर दिया जाता है।
आप को बता दें कि इससे पहले हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल भी कांग्रेस हाईकमान पर निशाना साध चुके हैं। कपिल सिब्बल ने कहा था कि लोकसभा चुनाव 2019 के बाद से ही राहुल गांधी ये साफ कर चुके हैं कि उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं बनना है।
राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि वो नहीं चाहते कि गांधी परिवार का कोई भी शख्स अध्यक्ष पद पर हो। ऐसे में डेढ़ साल गुजर जाने के बाद भी कोई नेशनल पार्टी कैसे बिना अध्यक्ष के काम कर सकती है।
दरअसल, दिसंबर के महीने में संभावित तौर पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव होना है। इससे पहले भी कई बार अध्यक्ष पद को लेकर विवाद हो चुका है। कांग्रेस के कई नेताओं ने चिट्ठी लिखकर भी कई मुद्दे उठाए थे, जिससे भी काफी विवाद हो गया था।
अभिनेत्री से राजनेता बनीं खुशबू सुंदर ने हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में खुशबू ने आरोप लगाया कि पार्टी में ऊपर बैठे जिन लोगों का जमीनी स्तर पर कोई जुड़ाव नहीं है और वे तानाशाही कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मेरी तरह जो लोग काम करना चाहते हैं उन्हें दबाया जा रहा है। अपने पत्र में खुशबू सुंदर ने लिखा कि कांग्रेस के 2014 लोकसभा चुनाव हार जाने के बावजूद उन्होंने पार्टी ज्वाइन की थी, लेकिन यहां काम करने वाले लोगों की अनदेखी की जाती है।
इसके पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय झा ने कांग्रेस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया था। पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से कांग्रेस प्रवक्ता पद से हटा दिया गया। संजय झा ने दावा किया कि पार्टी के पास एक आंतरिक मजबूत तंत्र नहीं है।