{ गाजियाबाद से प्रवीण अरोड़ा की रिपोर्ट }
जिला प्रशासन गाजियाबाद महात्मा गांधी जी की डेढ़ सौवीं वर्षगांठ को अनोखे और सद्भावना के साथ मना रहा है। महात्मा गांधी जी के जीवन से जुड़ी हुई 12 महत्वपूर्ण घटनाएं जो प्रत्येक महीने की अलग-अलग तिथियों पर गठित हुई है उसको चिन्हित किया गया है।
उसी कड़ी में आज 12 फरवरी को कलेक्ट्रेट के कर्मचारी अधिकारी और मुलाकातों को जिला अधिकारी गाजियाबाद अजय शंकर पांडेय ने चरखा भेंट करने का आयोजन किया। जिला अधिकारी अजय शंकर पांडे ने बताया कि यदि इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो प्रथम आंदोलन के दौरान चार फरवरी 1922 को दुर्भाग्यपूर्ण हिंसक घटना हो गई थी।
महात्मा गांधी ने आंदोलन को नकारात्मक और हिंसात्मक दिशा में जाने के कारण 12 फरवरी को विविध इस आंदोलन को स्थगित कर दिया और जनता के रचनात्मक कार्य को जोड़ने का संदेश दिया उस रचनात्मक कार्यों में से एक था।
हर व्यक्ति को चरखे से जोड़ने का संदेश जिला अधिकारी ने बताया कि उनका यह अनुभव है और उनका यह शोध है कि चरखे में नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तन करने की क्षमता होती है। इसलिए अहिंसा की ओर बढ़ने वाले आंदोलन को गांधी जी ने लोगों को चौथे से जोड़ने का संदेश दिया।
जिलाधिकारी ने 1922 के 12 फरवरी के इस संदेश को आज भी प्रशासनिक प्रसंग बताया सत्य के साथ विषय में नीम बातें भी बताएं चरखा बापू के द्वारा विकसित एवं समाज में सौंपी गई अमूल्य धरोहर है।