पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह (82वर्ष) का रविवार सुबह निधन हो गया। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अरविन्द केजरीवाल, पीयूष गोयल और डॉ रामदास अठावले ने दुख जताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा “जसवंत सिंह जी ने हमारे देश की सेवा पूरी मेहनत से की, पहले एक सैनिक के रूप में और बाद में राजनीति के साथ अपने लंबे जुड़ाव के दौरान। अटल जी की सरकार के दौरान, उन्होंने महत्वपूर्ण विभागों को संभाला और वित्त, रक्षा और बाहरी मामलों की दुनिया में एक मजबूत छाप छोड़ी। उनके निधन से दुखी।”
Jaswant Singh Ji served our nation diligently, first as a soldier and later during his long association with politics. During Atal Ji’s Government, he handled crucial portfolios and left a strong mark in the worlds of finance, defence and external affairs. Saddened by his demise.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे ट्वीट करके कहा “जसवंत सिंह जी को राजनीति और समाज के मामलों पर उनके अनूठे दृष्टिकोण के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने भाजपा को मजबूत बनाने में भी योगदान दिया। मैं हमेशा हमारी बातचीत को याद रखूंगा। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना। शांति।”
Jaswant Singh Ji will be remembered for his unique perspective on matters of politics and society. He also contributed to the strengthening of the BJP. I will always remember our interactions. Condolences to his family and supporters. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगतार तीन ट्वीट किये अपने तीसरे ट्वीट में कहा कि “श्री मानवेन्द्र सिंह से बात की और श्री जसवंत सिंह जी के दुर्भाग्यपूर्ण निधन पर शोक व्यक्त किया।अपने स्वभाव के अनुरूप, जसवंत जी ने अपनी बीमारी का सामना पिछले छह वर्षों तक किया।”
Spoke to Shri Manvendra Singh and expressed condolences on the unfortunate demise of Shri Jaswant Singh Ji.
True to his nature, Jaswant Ji fought his illness with immense courage for the last six years.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ट्वीट में कहा कि “अनुभवी भाजपा नेता और पूर्व मंत्री श्री जसवंत सिंह जी के निधन से गहरा दुख हुआ। उन्होंने रक्षा मंत्रालय के प्रभारी सहित कई क्षमताओं में देश की सेवा की। उन्होंने खुद को एक प्रभावी मंत्री और सांसद के रूप में प्रतिष्ठित किया।”
Deeply pained by the passing away of veteran BJP leader & former Minister, Shri Jaswant Singh ji. He served the nation in several capacities including the charge of Raksha Mantri. He distinguished himself as an effective Minister and Parliamentarian.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 27, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि “श्री जसवंत सिंह जी को उनकी बौद्धिक क्षमताओं और देश की सेवा में तारकीय रिकॉर्ड के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने राजस्थान में भाजपा को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना। शांति।”
Shri Jaswant Singh ji would be remembered for his intellectual capabilities and stellar record in service to the nation. He also played a key role in strengthening the BJP in Rajasthan. Condolences to his family and supporters in this sad hour. Om Shanti.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 27, 2020
अमित शाह ने अपने ट्वीट में कहा कि “देश के वरिष्ठ राजनेता एवं अटल जी की कैबिनेट में मंत्री रहे जसवंत सिंह जी का निधन दुःखद है और देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। सरकार व संगठन में विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने अपनी कर्तव्यनिष्ठा से एक गहरी छाप छोड़ी है। मैं उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। ॐ शांति”
देश के वरिष्ठ राजनेता एवं अटल जी की कैबिनेट में मंत्री रहे जसवंत सिंह जी का निधन दुःखद है और देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। सरकार व संगठन में विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने अपनी कर्तव्यनिष्ठा से एक गहरी छाप छोड़ी है। मैं उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। ॐ शांति
— Amit Shah (@AmitShah) September 27, 2020
पीयूष गोयल ने अपने ट्वीट में कहा कि “श्री जसवंत सिंह जी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। उन्होंने विभिन्न समय में वित्त, रक्षा और विदेश मंत्री के रूप में राष्ट्र की सेवा की।
उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। उनकी आत्मा को सद्गति मिले। ओम शांति ने हाथ जोड़ दिए।”
Deeply saddened to hear about the demise of Shri Jaswant Singh ji. He served the nation as finance, defence and external affairs Minister at various times.
My deepest condolences to his family & friends. May his soul get sadhgathi. Om Shanti🙏
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) September 27, 2020
अरविन्द केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा कि “श्री जसवंत सिंह जी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। उन्होंने जीवन भर देश के लिए काम किया, चाहे सरकार के अंदर हो या बाहर। उनकी आत्मा को शांति मिले।”
V sad to hear about the demise of Sh Jaswant Singh ji. He worked for the country all his life, whether inside the govt or outside. May his soul rest in peace.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 27, 2020
डॉ रामदास अठावले ने ट्वीट करके कहा कि “पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री जसवंत सिंह जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ।दिवंगत आत्मा को शांति मिले एवं परिजनों को इस आघात को सहने की क्षमता प्रदान करें यही प्रार्थना करता हूं।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री जसवंत सिंह जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ।
दिवंगत आत्मा को शांति मिले एवं परिजनों को इस आघात को सहने की क्षमता प्रदान करें यही प्रार्थना करता हूं।
— Dr.Ramdas Athawale (@RamdasAthawale) September 27, 2020
जसवंत सिंह का जन्म तीन जनवरी, 1938 को राजस्थान के बाड़मेर जिले के जसौल गांव में हुआ था। पूर्व केंद्रीय मंत्री के पिता का नाम ठाकुर सरदार सिंहजी था और माता का नाम कुंवर बाईसा था। पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने अजमेर के मायो कॉलेज से बीए और बीएससी की डिग्री हासिल की।
उनकी का शादी 30 जून, 1963 को शीतल कुमारी से हुआ।उनके दो बच्चे हैं। वह भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। जसवंत सिंह भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सांसदों में से एक थे। 1980 या 2014 के बीच वह कभी उच्च सदन के सदस्य रहे या फिर वह निचले सदन के सदस्य रहे।
उनकी पहली राजनीतिक सफलता 1980 में आई जब उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया। उन्होंने 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली 13-दिवसीय सरकार में वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया।
वाजपेयी के दो साल बाद फिर से प्रधानमंत्री बनने पर जसवंत सिंह 5 दिसंबर, 1998 से 1 जुलाई, 2002 तक भारत के विदेश मामलों के मंत्री बने। इस पद पर रहते हुए जसवंत ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति का निपटान किया। जुलाई 2002 में, जसवंत सिंह फिर से वित्त मंत्री बने। उन्होंने मई 2004 तक वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया।
हालांकि, 2010 में उन्हें फिर से भाजपा में शामिल किया गया। 2014 में उन्हें भाजपा ने लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया। उनकी बाड़मेर सीट से भाजपा ने कर्नल सोनाराम चौधरी को उतारा। इसके बाद जसवंत ने फिर भाजपा छोड़ दी। निर्दलीय चुनाव लड़े, लेकिन हार गए।