रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश से एक दुखद खबर सामने आई है, यहां के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस कि दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह का 87 साल की उम्र में गुरुवार तड़के निधन हो गया। वीरभद्र सिंह लंबी बिमारी के जूझ रहे थे। उन्होने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, शिमला में आखिरी सांस ली। उनके निधन की पुष्टी अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ जनक राज ने की।
डॉ. जनक राज ने बताया कि, ‘पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जी का यहां इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुबह करीब चार बजे मल्टी-ऑर्गन फेल्योर के कारण निधन हो गया।’ आपको बता दें कि वीरभद्र सिंह पहले कोरोना वायरस से पीड़ित थे, जिसके बाद उन्हें 13 अप्रैल को मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कहा जा रहा है कि कोरोना से ठीक होने और अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद उनकी तबीतय एकबार फिर से बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें IGMC में कुछ दिनों पहले ही भर्ती कराया गया था। वह बीते दो दिनों से वेंटिलेटर पर थे। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 28 मई 2009 को इस्पात मंत्री बनाए गए थे। वह पहली बार 1983 में मुख्यमंत्री बने और 1990 तक लगातार 2 बार इस पद पर बने रहे। इसके बाद 1993 से 1998, 2003 से 2007 और 2012 से 2017 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे।
मौजूदा वक्त में वो सोलव जिले के अरकी जिले से विधायक थे। आपको बता दें कि 12 अप्रैल और को 11 जून को वह दो बार कोरोना वायरस पॉजिटिव हो गए थे, जिसके बाद उनकी तबीयत अक्सर खराब रहने लगी। वह नौ बार विधायक और पांच बार सांसद भी रह चुके हैं। वीरभद्र सिंह के परिवार में पत्नी प्रतिभा सिंह, पुत्र एवं शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह और पुत्री अपराजिता सिंह हैं।