मध्य प्रदेश में लगातार बारिश के कारण बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। कई जिलों के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। मुरैना, डबरा और नरसिंहपुर सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल हैं, जहां NDRF और सेना की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और कई लोगों को सुरक्षित निकाला।
मुरैना: दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ में डूबे
मुरैना जिले में पगारा डैम के गेट खुलने के बाद आसन नदी उफान पर आ गई, जिससे दो दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। लोहागढ़ गांव में 50 से अधिक लोग फंस गए थे, जिन्हें एसडीआरएफ और पुलिस की संयुक्त टीम ने सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया। बाढ़ के कारण हजारों बीघा में फैली बाजरा, तिलहन और अरहर की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
डबरा: भारतीय सेना और NDRF का रेस्क्यू ऑपरेशन
डबरा में भितरवार विधानसभा के पवाया और मानपुर गांव में बाढ़ के कारण 20 लोग फंसे हुए थे। भारतीय सेना और NDRF की टीमों ने पार्वती नदी में बढ़ते जल स्तर के बीच फंसे ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला। इस रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व भारतीय सेना के मेजर अभिमन्यु ने किया, जबकि स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने भी मौके पर मौजूद रहकर राहत कार्य की निगरानी की।
नरसिंहपुर: कलेक्टर और एसपी की निगरानी में रेस्क्यू
नरसिंहपुर जिले में भी बाढ़ से स्थिति गंभीर है। जिले के गोटेगांव के पास नर्मदा नदी के झांसी घाट में फंसे चार युवकों को कलेक्टर शीतला पटले और एसपी मृगाखी डेका की मौजूदगी में रेस्क्यू किया गया। ये चार युवक, गोलू वर्मन, ऋषिराज, संतोष और अनिल, पानी के बीच फंस गए थे, जिन्हें सफलतापूर्वक बचाया गया।
फसलें बर्बाद और जनजीवन अस्त-व्यस्त
मध्य प्रदेश के कई जिलों में लगातार बारिश और बाढ़ से हजारों हेक्टेयर में फैली फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। बाजरा, तिलहन, और अरहर की खेती को भारी नुकसान हुआ है, जिससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रशासनिक टीमें लगातार स्थिति पर नजर रख रही हैं और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।