नई दिल्ली : अफगानिस्तान के नवनिर्मित सरकार में खूंखार आतंकियों की होड़ लग चुकी है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला को अभी उनसे उम्मीद है। उन्हें उम्मीद है अफगानिस्तान में अच्छे शासन की। जो शायद ही संभव हो सकें। क्योंकि अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से लगातार अफगान नागरिकों और महिलाओं पर कहर बरपा रहा है।
श्रीनगर में एक कार्यक्रम में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि तालिबान को अफगानिस्तान में इस्लामिक नियमों के आधार पर शासन करना चाहिए, दुनिया के सभी देशों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने चाहिए। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि तालिबान हर किसी से इंसाफ करेगा।
#WATCH | “I hope they (Taliban) will deliver good governance following Islamic principles in that country (Afghanistan) & respect human rights. They should try to develop friendly relations with every country,” says National Conference chief Farooq Abdullah in Srinagar pic.twitter.com/b6hXNn2Bhr
— ANI (@ANI) September 8, 2021
बीजेपी ने दिखाया आईना
फारूक अब्दुल्ला के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन्हें आईना दिखाया और जमकर फारूक अब्दुल्ला पर हमला बोला। बीजेपी नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने फारूक अब्दुल्ला पर हमला करते हुए कहा कि तालिबान महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहा है, लेकिन फारूक अब्दुल्ला उसका ही पक्ष ले रहे हैं।
निर्मल सिंह ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला सिर्फ उन्हीं देशों में सेक्युलिरिज्म चाहते हैं, जहां मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं। लेकिन जहां मुसलमान बहुसंख्यक हैं वहां पर इस्लामिक नियम चाहते हैं।
गौरतलब है कि फारूक अब्दुल्ला से पहले भी देश में तालिबान को लेकर बयानबाजी पर जंग हो चुकी है। शायर मुनव्वर राणा, सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने तालिबान को लेकर जो बयान दिए उनपर काफी बवाल हुआ था।
तालिबान को लेकर भारत की ओर से अभी स्पष्ट नीति का ऐलान नहीं किया गया है। भारत लगातार अपने सहयोगी देशों से चर्चा कर रहा है और वेट एंड वॉच की नीति को अपना रहा है। हालांकि, भारत की ओर से तालिबान के साथ एक बार आधिकारिक बातचीत दोहा में की गई है। लेकिन उसमें अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को निकालने पर फोकस रखा गया।