नई दिल्ली: पिछले कई दिनों से जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों ने दिल्ली पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाया था। जिससे नाराज होकर ये पहलवान अपने मेडल हरिद्वार गंगा में बहाने चले गए। मंगलवार को दिन भर गहमागहमी का माहौल रहा। कुछ देर बाद खाप और किसान नेताओं के समझाने पर पहलवान राजी हो गए। इस गहमागहमी के बाद खाफ और किसान सगठनों की मुजफ्फरनगर में मीटिंग हुई। जिसमें तय हुआ कि 5 जून को दिल्ली की सीमाओं पर घेराव किया जाएगा। दूसरे किसान संगठन SKM ने पहलवानों के समर्थन में 1 जून को देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है। किसान नेता नरेश टिकैत ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार ने पहलवानों की मांगें नहीं मानीं तो हरियाणा, पंजाब, यूपी और राजस्थान की खाप पंचायतें एक बड़ा फैसला लेंगी। इसमें दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में दूध और सब्जी की सप्लाई रोकना भी शामिल है।
इससे पहले बीते दिन पहलवान हरिद्वार में करीब दो घंटे तक रहे। उन्होंने मेडल वाले बैग को नरेश टिकैत और दूसरे किसान नेता बाबा श्याम सिंह मलिक को दे दिया। टिकैत ने पत्रकारों से कहा कि इन्हें अखाड़ा और स्टेडियम में मैट पर प्रशिक्षण की जरूरत है लेकिन इन्हें जंतर मंतर पर बैठने के लिए मजबूर किया गया और अब यह सब गंगा घाट तक आ गए। उनके साथ दुर्व्यवहार और हिरासत में लेने की बजाय बृजभूषण के खिलाफ ऐक्शन होना चाहिए था। टिकैत ने कहा, ‘हम सरकार को बृज भूषण के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पांच दिन का समय दे रहे हैं। इसे आप हमारा अल्टीमेटम समझिए। यह इंसाफ के लिए लड़ाई है। अगर सरकार कुछ नहीं करती है तो हम कुछ बड़ा करेंगे और इसके लिए सत्तारूढ़ पार्टी जिम्मेदार होगी। बता दें किसान नेताओं ने पहलवानों को मनाते हुए आश्वासन दिया था कि अब वे WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के प्रयास करेंगे। बता दें कि बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे हैं।